बढ़ते प्रदूषण ने पूरी दुनिया को चिंता में डाला हुआ है। प्रदूषण न सिर्फ खतरनाक बीमारियों को जन्म दे रहा है। बल्कि नई संतति के लिए भी चुनौती बन रहा है। प्रदूषण का प्रतिकूल असर पुरुषों के प्राइवेट पार्ट और शुक्राणुओं पर इस कदर पड़ रहा है कि भविष्य में पुरुषों की एक बहुत बड़ी आबादी पिता बनने के लिए तरस जाएगी। एक शोध के मुताबिक प्रदूषण की वजह से पुरुषों के प्राइवेर्ट पार्ट सिकुड़ रहे हैं और विकृत होते जा रहे हैं, एक पर्यावरण वैज्ञानिक ने पुस्तक के जरिए चेतावनी दी है की भविष्य में मानव जाति को प्रजनन के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
इसी को लेकर अभिनेत्री दिया मिर्जा ने एक टवीट किया है जो काफी टेंªड भी हो रहा है। जिसमें उन्होंने रिसर्च पर आधारित एक रिपोर्ट को टैग करते हुए लिखा कि पर्यावरण में मौजूद जहरीले रसायन से शुक्राणुओं की संख्या और टेस्टिकल्स पर असर पड़ रहा है, जिससे पुरुषों के प्राइवेट पार्ट पर बुरा असर पड़ रहा है। दीया ने आगे लिखा कि इस जानकारी के बाद अब शायद लोग पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक होंगे। दीया का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग भी इस पर जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इस रिसर्च इस अमेरिकी वैज्ञानिक शाना स्वान ने कहा एक खास कैमिकल थैलेट्स के बारे में जिक्र किया है। जिसके कारण प्रजनन दर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। मानवता अस्तित्व के संकट का सामना कर रही इस रसायन का इस्तेमाल प्लास्टिक निर्माण में होता है जो हार्मोन उत्पादक एंडोक्राइन सिस्टम को प्रभावित करता है।
Now maybe the world will take #ClimateCrises and #AirPollution a little more seriously? https://t.co/zSHfek3iWN
— Dia Mirza (@deespeak) March 26, 2021
इस प्रदूषण के परिणामस्वरूप छोटे लिंगों के साथ शिशुओं की बढ़ती संख्या पैदा हो रही है। Phathalate कैमिकल मानव शरीर में हार्मोन के प्राकृतिक उत्पादन को बाधित करता है। 2017 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि पश्चिमी देशों के पुरुषों में शुक्राणुओं का स्तर पिछले चार दशकों में 185 अध्ययनों की जांच के बाद 50 से अधिक गिरा था द्य जिसमें 45000 के करीब स्वस्थ पुरुष शामिल थे। तेजी से घटती प्रजनन दर का मतलब है कि ज्यादातर पुरुष 2045 तक व्यवहार्य शुक्राणु पैदा करने में असमर्थ होंगे।