कोरोना वायरस का प्रसार दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। इस संकट में अब कोरोना राहत कोष पर सवाल उठन लगे हैं। बिहार के एक विधायक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर विकास निधि से कोरोना फंड में दी गई 50 लाख की राशि लौटाने को कहा है। साथ ही विधायक ने पत्र में कुछ सवाल भी खड़े किए है। उन्होंने पूछा जब महामारी में निर्धारित काम हो ही नहीं रहे तो पैसा किस बात का?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस तरह पत्र लिखने वाले हैं किशनगंज जिले के बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी विधायक तौसीफ आलम। तौसीफ आलम ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपने कोष से दी गई 50 लाख रुपये की राशि लौटाने को कहा है। उन्होंने कहा कि जब उनके विधानसभा क्षेत्र में सैनिटाइजर, मास्क, साबुन, सूखा राशन जैसी चीजें सही से नहीं बंटीं तो पैसा देने का मतलब ही क्या रहा? कांग्रेस विधायक आलमने करोना महामारी के राहत कार्य में सरकार को विफल करार दिया।
विधायक ने पत्र में लिखा है कि उनके इलाके के 90 प्रतिशत जरूरतमंदों को राहत सामग्री नहीं मिली है। ऐसे हाल में सरकार उनका 50 लाख वापस करे जिसके बाद वे खुद से इलाके में राहत कार्य चलायेंगे। विधायक ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि जिस मकसद से उन्होंने अपने विधायक निधि की राशि राहत कोष के लिए दी थी, वह पूरा नहीं हो रहा। विधायक की यह चिट्ठी फ़िलहाल खूब वायरल हो रहा और चर्चे में है।
Congress shud make public out of more than 100 MLA’s of RJD Cong alliance how many have contributed to CM Relief Fund.What about Bahadurgunj Cong MLA Taushif asking to return his contribution from MLA fund?
— Sushil Kumar Modi (मोदी का परिवार ) (@SushilModi) May 4, 2020
हाल में ही डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर विपक्ष पर आरोप लगाया था कि विपक्षी दलों के नेताओं ने अपना एक महीने का वेतन भी मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा नहीं किया है। जिसके बाद विपक्ष हमलावर हो गया है। आलम ये है कि सुशील मोदी के इस ट्वीट के बाद कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्र ने भड़कते हुए लीगल नोटिस भेजने तक की बात कह दी। अब इस चिट्ठी का असर बिहार की राजनीति में क्या होता है यह देखना दिलचस्प रहेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक देश में कुल कोरोना वायरस मामले बढ़कर 46433 हो गए हैं। इससे 12727 लोग ठीक हो हो चुके है। भारत में वायरस से संक्रमित होने के बाद ठीक होने वालों का रिकवरी रेट 27 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है और अब यह तेजी से ऊपर उठ रहा है।