उत्तराखण्ड के पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ आठ साल का राजनीतिक बनवास भोग एक बार फिर मुख्यधारा की राजनीति तक पहुंच तो गए, लेकिन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री की कुर्सी संभालने के साथ ही उन पर संकट के बादल गहराने लगे हैं। 2007 में उत्तराखण्ड राज्य के सीएम बने निशंक को 2011 सितंबर में कुर्सी तब छोड़नी पड़ी जब उन पर नाना प्रकार के आरोपों के चलते राज्य सरकार का ग्राफ गिरने लगा था। इसके बाद से ही निशंक का राजनीतिक बनवास शुरू हो गया। वे 2014 में हरिद्वार से सांसद अवश्य चुने गए, लेकिन मोदी मंत्रिमंडल में उन्हें जगह नहीं मिली। इस बार लेकिन चुनाव जीतने के साथ ही उनका राजयोग शुरू हो गया। केंद्र में कैबिनेट मंत्री बने निशंक को एचआरडी मंत्रालय की जिम्मेदारी दे पीएम मोदी ने उन पर अपने भरोसे की मुहर लगा डाली। पर बेचारे निशंक अभी मंत्रालय ठीक ढंग से संभाल भी नहीं पाए कि उनकी डाॅक्टरेट की डिग्री के फर्जी होने का समाचार मीडिया में सुर्खियां बन गया। हालांकि ना तो केंद्र सरकार और ना ही निशंक की तरफ से कोई आधिकारिक बयान इस मुद्दे पर सामने आया है, लेकिन खबर है कि नए एचआरडी मंत्री इस समाचार के चलते खासे व्यथित हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

You may also like

MERA DDDD DDD DD