बिहार में एनडीए के बाद महागठबंधन में भी लोकसभा सीटों के बंटवारे के साथ ही पशुपति पारस का आरजेडी का गठबंधन नहीं हो पाया। इससे पहले एनडीए में भी पारस को जगह नहीं मिली थी। ऐसे में रालोजपा के अकेले चुनावी मैदान में उतरने की अटकलें लगाई जा रही थी लेकिन पारस ने एक बार फिर से एनडीए में हो कर मोदी का परिवार बन गए हैं। पारस ने एनडीए गठबंधन को अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के समर्थन की घोषणा की है। इसके बाद उनके अगले कदम पर अटकलबाजी बंद हो गई है। पारस ने कुछ दिन पहले ही उनकी पार्टी को लोकसभा चुनाव के लिए कोई सीट नहीं दिए जाने के खिलाफ इस्तीफा दे दिया था। उस वक्त पारस ने अपने ‘एक्स’ से ‘दी का परिवारश् भी हटा लिया था। अब फिर से पशुपति पारस ‘मोदी का परिवार’ में शामिल हो गए। पारस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि उनकी पार्टी (राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी) भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का अटूट हिस्सा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके भी नेता हैं। उन्होंने कहा ‘मोदी का फैसला सर्वोपरि है। एनडीए देश भर में 400 से ज्यादा सीटें जीतकर तीसरी बार अपनी सरकार बनाएगा।’ पशुपति पारस के इस कदम से सवाल उठ रहा है कि जो पशुपति पारस नाराज होकर एनडीए छोड़कर चले गए थे, अचानक उनका मन क्यों बदल गया? इसके पीछे की वजह लालू प्रसाद यादव बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पशुपति पारस ने जब मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देकर एनडीए छोड़ा था, उसी वक्त राजद नेता तेज प्रताप यादव और तेजस्वी ने पशुपति पारस को लेकर बयान दिया था। लालू के दोनों बेटों ने कहा था कि ‘अगर पशुपति पारस इंडिया गठबंधन में आते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।’ वहीं राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले लालू यादव की ओर से इस पर कोई बयान नहीं आया था।

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