प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 20 जून को गरीब प्रवासी श्रमिकों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की रोजगार गारंटी योजना शुरू की। योजना का नाम ‘गरीब कल्याण रोज़गार अभियान’ रखा गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की उपस्थिति में प्रधान मंत्री मोदी ने आज एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इसका उद्घाटन किया। कार्यकुशलता के आधार पर श्रमिकों को कार्य आवंटित किया जाएगा।
योजना छह राज्यों पर केंद्रित
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के मद्देनजर 22 मार्च से 31 मई तक लॉकडाउन की। इस बीच लाखों प्रवासी श्रमिक शहरों से अपने गांव लौट आए। लेकिन गाँव के मजदूरों को एक दिन में दो भोजन के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। श्रमिकों की इस समस्या को देखते हुए, ‘गरीब कल्याण रोज़गार अभियान’ नामक योजना छह राज्यों पर केंद्रित होगी, जहाँ अधिकांश प्रवासी श्रमिक वापस लौट आए हैं। पिछले गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना के बारे में जानकारी दी थी। बड़ी योजना रिटर्निंग वर्कर्स को सशक्त करेगी, उन्होंने कहा कि इस योजना से श्रमिकों को 125 दिन का रोजगार मिलेगा।
डेढ़ लाख श्रमिकों को लाभ
सीतारमण ने कहा कि यह योजना बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा के 116 जिलों में लागू की जाएगी। इसके लिए प्रत्येक राज्य से 25,000 श्रमिकों का चयन किया गया है। इस योजना के तहत, श्रमिकों को 125 दिनों के लिए रोजगार दिया जाएगा। श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए 25 विभिन्न प्रकार की नौकरियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। योजना में 50,000 करोड़ रुपये की सामग्री का उपयोग किया जाएगा।
#WATCH Live – Prime Minister Narendra Modi launches 'Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan' through video conferencing. https://t.co/8mlefUeMFL
— ANI (@ANI) June 20, 2020
पश्चिम बंगाल को लाभ नहीं
पश्चिम बंगाल के श्रमिकों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा। ग्रामीण विकास मंत्री एनएन सिन्हा ने कहा कि जिस समय योजना तैयार की जा रही थी, पश्चिम बंगाल ने अपने राज्य में लौटने वाले मजदूरों की संख्या प्रदान नहीं की थी। यदि हमें ये आंकड़े मिलते हैं, तो हम उन्हें भविष्य में इस योजना में शामिल करेंगे