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भाजपा आलाकमान के लिए मुसीबत बनी राजस्थान की अंतर्कलह 

राजस्थान में भाजपा की  मुसीबत काम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है। पिछले कुछ समय से राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बीच चल रहे विवाद से पार्टी दो गुटों में बंटती  नजर आ रही है। इस बीच भाजपा के  प्रदेश अध्यक्ष पूनिया ने पार्टी की कोर ग्रुप की बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर  तंज कसा है। पूनिया ने कहा कि  मुख्यमंत्री पद का दावेदार सोशल मीडिया नहीं   पार्टी नेतृत्व करेगा। दरअसल कल 24 जनवरी को भाजपा कोर ग्रुप की बैठक हुई इस बैठक में  वसुंधरा राजे साहिल नहीं हुई।

दरअसल राजस्थान में तीन सीटों पर विधानसभा उप चुनाव होने हैं। जिसके लिए भाजपा नेतृत्व द्वारा राजस्थान के नेताओं की बैठकें चल रही हैं । बैठक में  वसुंधरा राजे को नहीं बुलाया गया था। इसके बाद  पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समर्थक व विरोधी एक बार फिर आमने-सामने आ गए ।

इसके बाद वसुधंरा राजे समर्थकों ने सोशल मीडिया पर एक मंच बनाया। जिसको लेकर पार्टी में कई प्रकार की अटकलें लग रही थी। इसके कुछ समय बाद ही सतीश पूनिया समर्थक मोर्चा भी सामने आया था जिसको राज्य के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सोशल मीडिया की शरारत कहा था। राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम लोग भाजपा में एक बड़े बैनर के नीचे काम करते हैं ,हमारे लिए मोदी जी का व्यक्तित्व कृतित्व भाजपा का  एवं कमल का चुनाव चिन्ह अपने आप में पार्याप्त है। इसलिए मुझे किसी तरीके के समर्थक मंच की आवश्यकता नहीं है।

सोशल मीडिया पर जो समर्थक के नाम से फर्जी मोर्चा बनाया गया उसकी जाँच पड़ताल करवा रहा हूं। यह सोशल मीडिया की शरारत है इसलिए मैं इस तरीके के समर्थक मंच के पक्ष में नहीं हूं और इसे सिरे से खारिज करता हूं। हालांकि जहां एक तरफ सतीश पूनिया ने साफ किया कि वह ऐसे किसी समर्थक मंच के पक्ष में नहीं हैं तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने नाम से बने समर्थक मंच को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। इससे पहले वर्ष 2018 में राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार बनने के बाद से ही वसुंधरा राजे पार्टी की जयपुर कार्यालय में हुई ज्यादातर बैठकों से नदारद  रही हैं। ऐसे में कहा जा रहा है पार्टी  केंद्रीय नेतृत्व द्वारा कोर ग्रुप का गठन करने का फैसला पार्टी ने नेताओं में मनमुटाव खत्म करने की कोशिश के तहत लिया  है। वसुंधरा राजे को छोड़कर राजस्थान के कई आला नेता कुछ दिन पहले भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे  बाद से भाजपा में अंदरूनी कलह को लेकर अटकलें लग रही थी।

इससब के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा के अंदर चल रही अंदरूनी कलह को लेकर कहा है कि भाजपा ने राजस्थान में कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन अब पार्टी खुद टूट रही है।

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