साउथ के जाने माने अभिनेता ‘प्रभास’ की मोस्ट अवेटेड फिल्म सालार आज रिलीज हो गई है। फिल्म की लेंथ 2 घंटे 52 मिनट की है। फिल्म में प्रभास के एक्शन सीक्वेंस काफी अच्छे हैं। प्रभास की यह फिल्म उनकी पिछली कुछ फिल्मों से बेहतर हैं।
फिल्म की कहानी क्या है?
KGF की तरह सालार की कहानी भी एक काल्पनिक दुनिया से शुरू होती है। अमेरिका से लौटी आध्या (श्रुति हसन) का जीवन खतरे में दिखाया गया है। आध्या भागकर एक महिला के घर छिप जाती है। वो महिला देवा यानी प्रभास की मां होती है। देवा उसे उन गुंडों से बचाता है। धीरे-धीरे आध्या को देवा और उसकी फैमिली की सच्चाई पता चल जाती है। कहानी सेकेंड हाफ में ‘खानसार’ की दुनिया में जाती है। खानसार एक ऐसी जगह जहां के लोग एक अलग दुनिया बनाकर रहते हैं। वे अपने आप को देश का हिस्सा नहीं मानते। उनकी खुद की आर्मी होती है। अंग्रेज भी उनसे सामने घुटने टेक देते हैं। आजादी के बाद वहां पर राजा का शासन हो जाता है। राजा के मरने के बाद सिंहासन की लड़ाई शुरू होती है। राजमन्नार (जगपति बाबू) छल कपट से राजा बन जाता है। वो इसके लिए प्रतिद्वंदियों की पूरी बस्ती को ही मरवा देता है। हालांकि उसमें से कुछ लोग बच जाते हैं। राजमन्नार का बेटा वर्धा और देवा बचपन से दोस्त रहते हैं। देवा आगे चलकर वर्धा को राजा बनाना चाहता है, इसके लिए वो दुश्मनों से लड़ता भी है। हालांकि देवा का भी खानसार की सिंहासन से एक कनेक्शन है, अब वो कनेक्शन क्या है, इसके लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?
बाहुबली के बाद से ही प्रभास अपना 100% नहीं दे पा रहे हैं। इस फिल्म में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। इसकी एक मुख्य वजह प्रभास की घुटने की चोट भी है। उनकी बॉडी मूवमेंट पहले की तरह नहीं रह गई है। पर्दे पर यह चीज साफ नजर आती है। इसके बावजूद प्रभास की एक्टिंग तारीफ के लायक है। उनके कुछ सीन्स ऐसे हैं, जिसमें मुंह खुला का खुला रह जाता है। यह उनकी पिछली कुछ फिल्में जैसे साहो, राधेश्याम और आदिपुरुष से काफी बेहतर है। हालांकि फिल्म में उनके गिनती के डायलॉग्स हैं। कई सीक्वेंस तो बिना एक भी शब्द कहे निकल जाते हैं।
वर्धा के रोल में पृथ्वीराज सुकुमारन की अदाकारी अच्छी है। ट्रेलर के ठीक विपरीत फिल्म में उनके किरदार को बहुत कमजोर दिखाया गया है। हालांकि उन्होंने अपने रोल के साथ जस्टिस किया है। श्रुति हसन को स्क्रीन टाइम बहुत कम मिला है।
डायरेक्शन कैसा है?
दर्शकों को उम्मीद थी कि डायरेक्टर प्रशांत नील KGF वाला जादू फिर से दिखा पाएंगे। हालांकि यहां पर वो पूरी तरह वो जादू नहीं दिखा पाए हैं। KGF में मां-बेटे के रिश्ते को खूबसूरती से दिखाया गया था। यहां पर वो इमोशनल टच नहीं मिल पाता। मां के सीन्स भावुक कम, इरिटेट ज्यादा करते हैं। प्रशांत नील प्रभास सहित किसी भी एक्टर से उनका बेस्ट नहीं दिलवा पाए हैं। पहले हाफ में उन्होंने स्टोरी को बिल्कुल कन्फ्यूजिंग बनाए रखा। सेकेंड हाफ में उन्होंने जरूर गाड़ी पटरी पर लाने की कोशिश की है। प्रशांत नील की फिल्मों में अक्सर सेपिया मोड देखने को मिलता है। इनकी फिल्में स्क्रीन पर थोड़ी डार्क लगती हैं। सालार में भी यही देखने को मिला है। डायरेक्टर ने वीएफएक्स का अच्छा यूज किया गया है।
म्यूजिक कैसा है?
फिल्म का बीजीएम बहुत साधारण है। आज के समय में जहां बैकग्राउंड म्यूजिक पर काफी ज्यादा काम किया जा रहा है, इस फिल्म में वो बिल्कुल नहीं दिखा। कीजिएफ के बैकग्राउंड म्यूजिक की आज भी चर्चा होती है, लेकिन सालार इसके आस-पास भी नहीं।
फिल्म का पॉजिटिव पॉइंट
दो-तीन एक्शन सीन्स थ्रिल पैदा करेंगे। फिल्म के जरिए अलग दुनिया में ले जाने की कोशिश की गई है। देखा जाये तो इसमें डायरेक्टर सफल भी रहे हैं। इस फिल्म में काफी दिनों बाद प्रभास का पुराना एक्शन अवतार देखने को मिला है। सेकेंड हाफ का अंतिम एक घंटा काफी दिलचस्प दिखाया गया है।
फिल्म का निगेटिव पॉइंट
फर्स्ट हाफ में समझ ही नहीं आता कि फिल्म जा कहां रही है। कहानी को गढ़ने में काफी समय लगाया गया है। फिल्म का बीजीएम काफी निराशाजनक है। प्रभास को थोड़े और डायलॉग्स दिए जा सकते थे। प्रभास के फैंस इस फिल्म को एक बार देख सकते हैं। जो दर्शक यह उम्मीद लगाए बैठे थे कि फिल्म में कुछ नए एक्शन सीक्वेंस और थ्रिलर देखने को मिलेगा। उन्हें निराशा का सामना करना पड़ सकता है।
‘प्रभास को बस एक हिट फिल्म की जरूरत’ सालार के डायरेक्टर प्रशांत नील बोले- बड़े स्टार्स को फ्लॉप फिल्मों से फर्क नहीं पड़ता है। स्टार हमेशा स्टार ही रहता है। कुछ फिल्मों के फ्लॉप होने पर उसका स्टारडम नहीं गिरता। प्रभास की फिल्म सालार के डायरेक्टर प्रशांत नील का। प्रशांत ने कहा कि ‘उन्हें बस एक हिट फिल्म की जरूरत है। बाहुबली में उन्होंने जो काम किया है, उसे भुलाया नहीं जा सकता।’