सुप्रीम कोर्ट को दिए हलफनामे में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि देश में मूर्तियां लगाने की पुरानी परंपरा रही है। उन्होंने अपने वकील शैल द्विवेदी के मार्फत सर्वोच्च अदालत से कहा, ‘भारत में स्मारिकाएं बनवाना और मूर्तियां लगवाना कोई नया फलसफा नहीं है। कांग्रेस के शासन काल में केंद्र और राज्य सरकारों ने देशभर में सरकारी खजाने से जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पी वी नरसिंह राव की मूर्तियां लगवाईं। लेकिन, इन मूर्तियों को लेकर न तो मीडिया और न ही याचिकाकर्ता ने कोई सवाल उठाया।’
इसके साथ ही मायावती ने सिर्फ उनकी मूर्तियों को निशाना बनाए जाने को राजनीति से प्रेरित बताते हुए देश के अन्य हिस्सों में सरकारी खर्च से बनी मूर्तियों का उदाहरण दिया है जिनके बारे में सवाल नहीं उठाए गए। इनमें बसपा प्रमुख ने गुजरात में सरदार पटेल की स्टैचू ऑफ यूनिटी और अयोध्या में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भगवान राम की सबसे बड़ी मूर्ति बनाए जाने की घोषणा का उदाहरण दिया है। साथ ही देश के अन्य हिस्सों में लगी मूर्तियों का हवाला दिया है।