अमेरिका द्वारा कहा गया कि वह भारत में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जारी प्रदर्शनों पर नजर बनाए हुए है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा सोमवार को कहा गया कि भारत में नागरिकाता कानून को लेकर विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हिंसा से बचना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अधिकारियों को भी लोगों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार की रक्षा और सम्मान करना चाहिए। कानून के तहत धार्मिक स्वतंत्रता और समान व्यवहार का सम्मान अमेरिका और भारत दोनों के ही मौलिक सिद्धांत रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि हम अपील करते हैं कि भारत संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे।
वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि मैं केंद्र सरकार से इस असंवैधानिक कानून को वापस लेने की मांग करती हूं, अन्यथा भविष्य में इसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। उन्हें आपातकाल जैसे हालात पैदा नहीं करने चाहिए, जैसे कांग्रेस ने पहले किए थे।
मायावती ने कहा कि बसपा के संसदीय दल ने भी राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है। हमारी पार्टी यूपी विधानसभा में भी नागरिकता कानून और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के खिलाफ आवाज उठाएगी।
दूसरी ओर नागरिकता कानून को लेकर राष्ट्रपति से मंगलवार शाम को विपक्षी दल के प्रमुख नेता मुलाकात करेंगे। इस कानून के खिलाफ रविवार को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंसक प्रदर्शन हुए। जिसमें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा गया और पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया।