कोरोना महामारी कई देशों के लिए परेशानी बनी हुई है। कुछ देशों मे कोरोना की दूसरी लहर ने तांडव मचाया हुआ है। हालांकि महामारी से निपटने के लिए अलग-अलग देश अपने स्तर पर काम कर रहे है। इसके बावजूद कुछ देशों में दोबारा लॉकडाउन लगाने की नौबत तक आ गई है। दिक्कत यह है कि कोरोना की वैक्सीन आ चुकी है, लेकिन इसको लेकर लोगों के मन में काफी संशय है। पूर्वी अफ्रीका देश तजानिया के राष्ट्रपति जॉन मागुफुली वैक्सीन पर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में है। जॉन मागुफुली ने कुछ समय पहले तंजानिया को कोरोना मुक्त कर दिया था। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि ऐसा सिर्फ भगवान के आर्शींवाद के बाद ही संभव हो पाया है।
एक बार फिर तंजानिया के राष्ट्रपति कोरोना वैक्सीन पर दिए अपने बयान के कारण चर्चा में है। राष्ट्रपति ने ऐसा बयान दिया है जिसे सुनकर हर कोई भौचक्का रह जाएंगा। राष्ट्रपति जॉन मागुफुली ने दावा किया है कि कोविड़-19 के खिलाफ टीकाकरण खतरनाक हैं। इसके साथ ही उन्होंने तजानिया के लोगों से आग्रह किया है कि लोग घरेलू उपायों का प्रयोग करके कोरोना जैसी घातक बीमारी से बच सकते है। उन्होंने पहले आयातित कोविड़ परीक्षणों की प्रभावकारिता पर सवाल उठाया है और लोगों से आग्रह किया है कि वे खुद को कोरोनावायरस से बचाने के लिए प्रार्थना करें।
राष्ट्रपति ने वायरस को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन लगाने का विरोध किया है। उनकी सरकार को पूर्वी अफ्रीकी राष्ट्र में प्रकोप के बारे में अपनी गोपनीयता पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है, जिसने छह महीने से अधिक समय से आधिकारिक कोविड़-19 आंकड़े प्रकाशित नहीं किए हैं। मागुफुली ने बुधवार 27 जनवरी को अपने गृहनगर चाको में एक भाषण के दौरान कहा कि टीकाकरण खतरनाक है। यदि श्वेत लोग टीकाकरण के साथ आने में सक्षम थे, तो एड्स के लिए टीकाकरण पाया गया होता, तपेदिक के लिए टीकाकरण अब तक इसे समाप्त कर सकता था, मलेरिया का टीका पाया गया होगा, कैंसर के लिए टीकाकरण अब तक मिल गया होगा। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय से विदेशों में विकसित टीकों से भी सावधानी बरतने का आग्रह किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार तंजानिया ने 509 कोविड संक्रमण और कुल 21 मौतों की सूचना दी है।