सुप्रीम कोर्ट ने कहा- निचली अदालत में छह महीने में पूरी हो सुनवाई
तहलका पत्रिका के पूर्व संस्थापक तरुण तेजपाल की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। जिसके बाद उनके खिलाफ अब यौन शोषण के आरोपों के तहत मुकदमा चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया है कि तरुण तेजपाल मामले की सुनवाई छह महीने में पूरी हो। गौरतलब है कि पत्रकार तेजपाल की एक पूर्व सहकर्मी ने यह मामला दर्ज कराया था।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्राए एम आर शाह और बी आर की पीठ ने तरुण तेजपाल मामले की सुनवाई करते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया। गोवा पुलिस ने पूर्व में दावा किया था कि उस समय के वाट्सऐप संदेश और ई.मेल यह दर्शाते हैं कि कथित यौन हमला मामले में तेजपाल को मुकदमे का सामना करना चाहिए।
तेजपाल ने कथित तौर पर साल 2013 में गोवा के एक पांच सितारा होटल की लिफ्ट में पूर्व महिला सहकर्मी पर यौन हमला किया था। उन्होंने खुद पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया था। अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद क्राइम ब्रांच ने 30 नवंबर 2013 को उन्हें गिरफ्तार किया था। वह मई 2014 से जमानत पर हैं। तेजपाल ने मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा 20 दिसंबर 2017 को आरोप खारिज करने की उनकी याचिका को नामंजूर करने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।