कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में दो सीट-केरल की वायनाड और यूपी की रायबरेली, पर जीत हासिल की है। अब उन्हें एक सीट छोड़नी होगी। राहुल कौन सी सीट छोड़ेंगे इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इसी बीच केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख सुधाकरन ने संकेत दिया कि राहुल गांधी वायनाड लोकसभा सीट छोड़ सकते हैं। राहुल गांधी द्वारा अपने समर्थकों को धन्यवाद देने के लिए आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में सुधाकरन ने संकेत देते हुए कहा कि ‘हमें दुखी नहीं होना चाहिए क्योंकि राहुल गांधी जिन्हें देश का नेतृत्व करना है, उनसे वायनाड में बने रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती। सभी को यह बात समझनी चाहिए और उसे अपनी शुभकामनाएं और समर्थन देना चाहिए। केरल के मलप्पुरम में राहुल गांधी ने भी एक जनसभा को संबोधित किया और कहा कि सीट छोड़ने को लेकर वे असमंजस की स्थिति में हैं, वह जो भी निर्णय लेंगे दोनों निर्वाचन क्षेत्र के लोग उससे खुश होंगे। दूसरी तरफ कांग्रेस की रणनीति के मुताबिक प्रियंका गांधी को अब दक्षिण भारत के लिए मजबूत पिलर के तौर पर तैयार किया जा रहा है। इसी तैयारी में प्रियंका गांधी को अब राहुल गांधी के बाद वायनाड सीट से चुनाव लड़ाने की चर्चा जोरों पर है। इस चर्चा को बल मिला राहुल गांधी की रायबरेली में आयोजित आभार कार्यक्रम से। राहुल गांधी ने इस कार्यक्रम में कहा कि उनकी बहन प्रियंका गांधी ने रायबरेली और अमेठी के लिए बहुत मेहनत की है। इस दौरान उन्होंने प्रियंका के लिए एक बहुत बड़े प्लान की भी बात कह डाली। अब यह प्लान क्या है इसको लेकर सियासी गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं।
पार्टी सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी वायनाड की सीट छोड़ेंगे। उसके बाद इस सीट से प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाने की कवायद की जा सकती है। यही वजह है कि राहुल गांधी ने प्रियंका के लिए बहुत ‘बड़े प्लान’ की बात कही है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जिस तरीके की जीत रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस को मिली है, उससे राहुल का रायबरेली में सांसद बने रहना बेहद जरूरी है। आने वाले दिनों में सियासी नजरिए से कांग्रेस उत्तर प्रदेश में मजबूती से विस्तार करने वाली है। ऐसे में राहुल गांधी अगर रायबरेली के सांसद बने रहेंगे, तो सीधे तौर पर उनका दखल उत्तर प्रदेश में संगठन को और मजबूत करेगा। क्योंकि प्रियंका पहले से उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी है। इसलिए उनको दक्षिण के बड़े मिशन पर लगाने की तैयारी पार्टी भीतर चल रही है। इसलिए वायनाड सीट से प्रियंका गांधी को उप चुनाव लड़ाए जाने की चर्चाएं हो रही हैं। इसका एक कारण यह भी है कि सोनिया गांधी जब रायबरेली और बेल्लारी से चुनाव लड़कर जीतीं तो उन्होंने अपने कार्यक्षेत्र के तौर पर रायबरेली को ही चुना था। इसी परिपाटी को राहुल गांधी भी निभाते हैं, तो यह पार्टी के लिहाज से बेहतर होगा। कुछ वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रदर्शन के आधार पर यह तय हो चुका है कि राहुल गांधी रायबरेली से सांसद रहेंगे। वह तर्क देते हुए कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को पार्टी संजीवनी के तौर पर देख रही है। गठबंधन में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस साथ-साथ चुनाव लड़ी है। ऐसे में पार्टी को न सिर्फ अपने वोट बैंक को मजबूत कर आगे के चुनावों के लिहाज से अपनी सियासी फील्डिंग सजानी है, बल्कि संगठनात्मक स्तर पर भी और मजबूत सिपाही तैनात करने हैं। यही नहीं रायबरेली से लेकर अमेठी और लखनऊ से लेकर अलग-अलग जिलों से पार्टी नेताओं ने भी राहुल को रायबरेली से सांसद बने रहने का अनुरोध पत्र भी भेजा है। उनका मानना है अगर प्रियंका गांधी को वायनाड से चुनाव लड़ाया जाता है तो यह पार्टी के लिए बेहतर फैसला होगा।