- संतोष सिंह
भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने की योजना तो चल रही है। लेकिन इस योजना में सभी मानकों को दरकिनार कर सड़क निर्माण किया जा रहा है। इतना ही नहीं कई जगह पर कार्य पूरा पूरे नहीं हुए। विभाग ने आश्चर्यजनक रूप से कार्य पूर्ण होने का बोर्ड लगा दिया है। चमोली जनपद के पाणा-इराणी का ऐसा ही मामला सामने आया है जहां विभाग व ठेकेदार की मिली भगत से पुल का निर्माण कार्य चार साल में भी शुरू नहीं हो पाया है। जबकि विभाग ने कार्य आरंभ और पूर्ण होने का बोर्ड पहले ही लगा दिया है। ग्रामीणों द्वारा इसका विरोध किए जाने पर अब विभाग अपने बचाव के रास्ते ढूंढ़ रहा है।

चमोली जिले में दशोली ब्लाक के दूरस्थ गांव पाणा-इराणी के लिए स्वीकृत 31.5 किमी निजमुला-पाणा-इराणी मोटर मार्ग पर झाझी मोटर पुल का निर्माण किया जाना था। जिसकी लागत 3 करोड़ 2 लाख 81 हजार थी। बीरगंगा पर पाणा-इराणी ग्राम पंचायत की 1500 आबादी को जोडने के लिए 60 मीटर स्टील पुल का निर्माण कार्य 24 अगस्त 2019 में शुरू और 23 फरवरी 2021 को पूरा होना था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना यानी पीएमजीएसवाइ ने इसका कार्य मैसर्स जेड एच इंडस्ट्रीज लिमिटेड को दिया था। ठेकेदार द्वारा कार्य तो शुरू किया गया लेकिन चार साल में दोनों अपार्टमेंट की खुदाई यानी बेस तक नहीं बना पाया है। हालात यह है कि पुल निर्माण का समय पूरा होने के बाद भी पुल का 20 फीसद भी कार्य नहीं हो सका है। जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ने लगा।
इराणी के ग्राम प्रधान मोहन नेगी ने बताया कि पीएमजीएसवाई और ठेकेदार की मिली भगत से पुल निर्माण में बड़ा घोटाला हुआ है। जिसके चलते चार साल बाद भी पुल निर्माण कार्य में अभी तक अपार्टमेंट की खुदाई तक भी नहीं हो पाई है जबकि पुल को फरवरी 2021 में बनकर तैयार हो जाना था। उन्होंने कहा की इसकी शिकायत पीएमजीएसवाई के उच्च अधिकारियों के साथ ही चमोली जिलाधिकारी को भी की गई है इसके बावजूद कोई कार्यवाही अभी तक नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि मोटर पुल निर्माण न होने से क्षेत्र के लोगों को खासी परेशानियां उठानी पड़ रही है। सबसे अधिक परेशानी तब होती है जब गांव में कोई बुजुर्ग बीमार हो जाता है और महिलाओं को प्रसव पीड़ा में सुरक्षित डिलीवरी के लिए डंडी-कंडी के सहारे कहीं किलोमीटर पैदल पहुंचाना पड़ता है। यही नहीं बल्कि स्कूली छात्र-छात्राओं को भी विद्यालय पहुंचने में परेशानियां उठानी पड़ती है। प्रधान नेगी ने बताया कि लार्ड कर्जन ट्रैक के लिए भी इसी रास्ते से पर्यटक पहुंचते हैं लेकिन पुल निर्माण न होने से पर्यटकों को भी परेशानियां उठानी पड़ रही है। उन्होंने बदरीनाथ विधायक को इसका दोषी बताते हुए कहा कि हमारे जनप्रतिनिधि राजेंद्र भंडारी ने चुनाव के समय क्षेत्र की जनता से वादा किया था की विधायक बनने के 6 माह के भीतर गांव तक सड़क पहुंचा दी जाएगी और पुल का निर्माण हो जाएगा लेकिन अब विधायक भी मौन बैठे हुए हैं।
दूसरी ओर पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता इस मामले में स्पष्ट कहने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि वीरगंगा पर जिस जगह पर पुल का निर्माण होना था उस स्थान पर अपार्टमेंट खुदाई का कार्य दिया गया लेकिन चट्टान कमजोर होने पर इसकी 6 मीटर लंबाई और बढ़ाया जा रही है। इसके लिए नया नक्शा बनाया गया है जिसे स्वीकृति के लिए भेजा गया है। ड्राइंग पास होने पर आगे का कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ठेकेदार को खुदाई के लिए लगभग पचास लाख रूपए दिया जा चुका है। जो नियमों के विपरीत है। नियमों के अनुसार किसी भी कार्य की धनराशि तभी दी जाती है जब काम पूर्ण हो जाता है लेकिन यहां इस नियम का पालन नहीं किया गया।