आम आदमी पार्टी निकाय चुनावों में दमदार उपस्थिति दर्ज कर राज्य में तीसरा विकल्प बनना चाहती है
‘एक ओर भ्रष्टाचार कर पैसे के दम पर चुनाव लड़ने वाले भाजपा एवं कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, जिनकी पार्टियों ने देवभूमि उत्तराखण्ड राज्य को बर्बाद किया। जिनके नेताओं के शासनकाल में इस प्रदेश की बदहाली हुई। दूसरी तरफ जनता के हित में निरंतर कार्य करने वाली ईमानदार आम आदमी पार्टी है जिसने भारत सहित विश्व पटल पर अपने कार्यों से सराहना प्राप्त की। नगर निकाय चुनावों में वोट देने से पहले यह जरूर याद रखना कि क्या बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनावों में जो वादे किए थे वे पूरे किए कि नहीं?’ उत्तराखण्ड में मतदाताओं से ऐसी अपील के साथ आम आदमी पार्टी निकाय चुनावों में पूरे जोश-खरोश के साथ मैदान में उतरी है।
दो माह पूर्व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जब देहरादून आए थे तो उन्होंने आप के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया। तब उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘आप’ आगामी नगर निकाय चुनावों में उत्तराखण्ड में तीसरे विकल्प के रूप में अपनी जोरदार एंट्री करेगी। आम आदमी पार्टी का उत्तराखण्ड में तीसरा विकल्प बनने का सपना कितना पूरा होता है यह तो आने वाला 20 नवंबर ही बता पाएगा। लेकिन इतना तय है कि वह इस चुनाव में मेयर से लेकर नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षद के टिकट देकर अपनी बूथ स्तर तक पहचान बनाने की पूरी तैयारी कर चुकी है। इसके चलते ही आम आदमी पार्टी ने रुद्रपुर, हल्द्वानी, देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार में अपने मेयर प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। काशीपुर में पार्टी की उम्मीदवार का पर्चा निरस्त हो जाने के कारण वहां से उनका कोई प्रत्याशी नहीं उतर सका है।
राजधानी देहरादून में आम आदमी पार्टी ने किन्नर राजनी रावत को टिकट दिया है। उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रजनी रावत ने एक माह पहले ही आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली है। वह पहले भी दो बार देहरादून से मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं। वर्ष 2008 के निगम चुनाव में मेयर बने विनोद चमोली के खाते में 60867 वोट पड़े थे। जबकि दूसरे नंबर पर किन्नर रजनी रावत रही थी। रजनी रावत को इस चुनाव में 44294 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी सूरत सिंह नेगी थे। जिन्हें सिर्फ 40643 वोट से संतोष करना पड़ा था। साल 2013 में कहानी एक बार फिर बदली। तब भाजपा के मेयर पद के प्रत्याशी विनोद चमोली को 80530 वोट पड़े थे। जबकि कांग्रेस के सूर्यकांत धस्माना को 57618 वोट मिले। रजनी रावत निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ी थी। तब रजनी 47589 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थी। चुनाव समीक्षा करें तो स्पष्ट पता चलता है कि रजनी रावत एक मजबूत चुनाव लड़ने वाली प्रत्याशी रही है। रावत ने जब -जब चुनाव मैदान में कदम रखा तब-तब भाजपा कांग्रेस को इसका सीधा नुकसान उठाना पड़ा है। इस बार आम आदमी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर रजनी रावत फिर से एक बड़ी चुनौती पेश करने जा रही है।
रुद्रपुर नगर निगम चुनाव में यहां के आरटीआई एक्टिविस्ट रामबाबू को पार्टी ने टिकट दिया है। रामबाबू पूर्व में रुद्रपुर के सभासद रहे हैं। सूचना अधिकार अधिनियम के तहत साक्ष्यों को उपलब्ध कर नगर निगम में होने वाले भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिए माने जाने वाले रामबाबू ने यहां की निवर्तमान मेयर सोनी कोली के कई मामले उजागर किए हैं। नगर निगम रुद्रपुर में पहली बार मेयर बनी सोनी कोली और उसके पति सुरेश कोली को नजूल जमीन के मामले में कोर्ट का डंडा चलवाने में रामबाबू की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके अलावा शहर का कूड़ा कचरा उठाने के नाम पर हुए करोड़ों के खेल को भी रामबाबू जनता के सामने लाए। रुद्रपुर में कहा जाता है कि अगर रामबाबू जैसा आरटीआई एक्टिविस्ट ना होता तो नगर निगम को नेताओं द्वारा कब का कंगाल कर दिया जाता। समय-समय पर नगर निगम के घपले घोटालों को उजागर करने के चलते रामबाबू की छवि एक साफ-सुथरे नेता के रूप में रही है। इसका फायदा उन्हें नगर निगम के चुनाव में मिलना तय है। जिस तरह से भाजपा और कांग्रेस ने एकदम नए चेहरों को उतारकर अपनी ही पार्टियां के नेताओं को निशाने पर ला दिया है उससे दोनों पार्टियों में भितरघात की संभावनाएं ज्यादा बढ़ गई हैं। इस भितरघात की वजह से रामबाबू को दोनों पार्टियों के विरोधी खेमे का भी समर्थन मिलना तय है। कुल मिलाकर यह है कि आम आदमी पार्टी ने रुद्रपुर में भ्रष्टाचार विरोधी व्यक्ति को टिकट देकर मतदाताओं को प्रभावित किया है।
ऋषिकेश से आम आदमी पार्टी की महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष रही मंजू शर्मा को टिकट दिया गया है। हल्द्वानी से गीता ब्लूटिया को आम आदमी पार्टी ने अपना मेयर उम्मीदवार बनाया है। काशीपुर में पार्टी प्रत्याशी का पर्चा निरस्त हो जाने के चलते उनका उम्मीदवार मैदान में नहीं उतर सका, हो सकता है कि वहां पार्टी किसी निर्दलीय को अपना प्रत्याशी घोषित कर दे। अल्मोड़ा नगर पालिका चुनाव में आप ने कांग्रेस के बागी त्रिलोचन जोशी को टिकट दिया है। त्रिलोचन जोशी कांग्रेस के प्रदेश सचिव रहे हैं। वे सक्रिय नेताओं में गिने जाते रहे हैं। लेकिन कांग्रेस द्वारा अल्मोड़ा से निवर्तमान चेयरमैन प्रकाश चंद्र जोशी को फिर से उम्मीदवार बनाए जाने से त्रिलोचन की पार्टी से टिकट पाने की उम्मीदों पर पानी फिर गया। उन्होंने कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। फिलहाल त्रिलोचन जोशी को आम आदमी पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाकर उन्हें मजबूती दे दी है। दूसरी तरफ हरिद्वार नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने वार्ड-44 में सभासद के लिए चुनाव लड़ रहे अहसान अंसारी को अपना प्रत्याशी घोषित कर उन्हें ऊर्जा देने का काम किया हैं। अहसान अंसारी हरिद्वार में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के महामंत्री हैं और प्रेस क्लब के सदस्य भी हैं। अंसारी की पहचान खोजी पत्रकारिता के साथ ही आरटीआई कार्यकर्ता के रूप में है। हरिद्वार में उन्होंने कई घोटालों और फर्जी एन्काउंटरों की पोल खोली। पहली बार वह सभासद का चुनाव लड़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी भी पहली बार उत्तराखण्ड के निकाय चुनाव में भाग ले रही है और एक ईमानदार मजबूत विकल्प देने की बात कर रही है। सभी प्रत्याशी आम आदमी पार्टी के सिंबल मिलने पर अति उत्साहित हैं।