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कोरोना से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा का विशेष सत्र आज , दुनिया के 100 नेता करेंगे संबोधित 

दुनियाभर में कोरोना महामारी का ग्राफ तेजी से ऊपर की ओर बढ़ रहा है। 218 देशों में फैल चुके कोरोना वायरस से निपटने के लिए दुनिया  के 100 नेता और अनेक मंत्री आज तीन दिसंबर से शुरू हो रहे संयुक्त राष्ट्र महासभा के कोविड-19 पर विशेष सत्र को संबोधित करेंगे। इसमें वैश्विक महामारी के प्रभाव और वैश्विक स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा की जाएगी। इस महामारी से दुनियाभर में अभी तक 15 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस कोरोना टीकों को वैश्विक जन संपत्ति मानने पर जोर देंगे, ताकि महामारी से निपटने में कारगर कोई भी टीका सभी के लिए उपलब्ध  हो।

 

महासभा के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर ने कल दो दिसंबर  को कहा, ‘यह कोविड-19 को मात देने के लिए हमें एक ऐतिहासिक क्षण प्रदान करेगा। कई टीकों को मंजूरी मिलने की खबरों और विश्व में इससे निपटने के लिए खरबों डॉलर खर्च किए जाने के बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के पास स्थिति बेहतर करने का एक अनूठा मौका है। विश्व नेतृत्व के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर देख रहा है। यह बहुपक्षवाद की परीक्षा है।’

दो दिवसीय इस विशेष सत्र में आज   संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और बोजकिर के भाषण के बाद करीब 140 से अधिक देशों के नेता तथा मंत्री सत्र को संबोधित करेंगे। सत्र को संबोधित करने वालों की सूची में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और यूरोपीय संघ के प्रमुख चार्ल्स माइकल का नाम शामिल है।

 

अमेरिका के स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्री एलेक्स एजर इस उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करेंगे। कल चार दिसंबर शुक्रवार को ऑनलाइन तीन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला का पहले से रिकॉर्ड किया गया संबोधन चार दिसंबर को इस सत्र में चलाया जाएगा।

 

‘बायोटेक’ के सह-संस्थापक यूगुर साहिन और ओजेल ट्यूरसी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में टीका विकसित कर रहे दल की प्रमुख सारा गिल्बर्ट और जीएवीआई (वैक्सीन गठबंधन) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सेथ बर्कले भी विशेष सत्र को संबोधित करेंगे।

 

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव गुतारेस सभी देशों और हर जगह के लोगों की जरूरत पर ध्यान केंद्रित करेंगे ताकि सभी तक टीका पहुंच पाए। दुजारिक ने कहा, टीके को एक ‘वैश्विक जन संपत्ति’ समझा जाना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र महासचिव के भाषण का यही आधार होगा।

 

इससे पहले जब वर्ष 2008 में वित्तीय बाजार ध्वस्त हो गए और दुनिया को बड़े संकट का सामना करना पड़ा, तब प्रमुख शक्तियों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बहाल करने के लिए एक साथ काम किया, लेकिन कोविड -19 महामारी के दौरान इसका उलटा हुआ है। किसी नेता ने महामारी को रोकने के लिए कोई एकजुट कार्रवाई नहीं की है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के 80 प्रतिशत के भागीदार दुनिया के सबसे अमीर देशों के 20 नेताओं को मार्च के अंत में एक पत्र भेजा था कि वे कोविड -19 से लड़ने के लिए “युद्धकालीन” योजना बनाएं और कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए सहयोग करें। लेकिन कोई जवाब नहीं आया।

जनरल असेंबली के प्रवक्ता ब्रेंडेन वर्मा ने  कहा, “इस विशेष बैठक का मुद्दा कोविड-19 की मुसीबत पर बहुपक्षीय और सामूहिक तरीके से अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए ठोस कार्रवाई करना है।” उन्होंने कहा कि महामारी के लिए वर्तमान में कई प्रतिक्रियाएं हैं, लेकिन अब सभी देशों, संयुक्त राष्ट्र, निजी क्षेत्र और वैक्सीन डेवलपर्स को एक साथ लाने की जरूरत है।

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