अक्सर वाहनों पर या दीवारों पर हम लिखा हुआ देखते हैं- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ। लेकिन यह नारे सिर्फ वाहनों तक या दीवारों के इस्तिहारों तक सिमट कर रह गए हैं। देश की केंद्रीय सरकार इस नारे के साथ ही महिलाओं को मजबूत बनाने और उन्हें स्वावलंबी होने का दावा कर रही है। साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की महिलाओं की सुरक्षा के लिए नित नए आदेश पुलिस को जारी करती रहती है। लेकिन कुछ बदमाशों को न केंद्र सरकार और न ही उत्तर प्रदेश की पुलिस का डर है। वह खुलेआम बेटियों को तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं कि अगर कॉलेज जाना है तो बुर्का पहनकर ही जाना होगा नहीं तो इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक शहर में इस तुगलकी फरमान के चलते मुस्लिम छात्राओं को इस समय कालेज छोड़ने तक की नौबत आ गई है।
फिलहाल ज्यादातर छात्राएं अपने-अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो रही हैं। देश की राजधानी दिल्ली से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर बुलंदशहर जिले के खुर्जा मे ऐसा मामला सामने आया है। जिसमें छात्राओं को उनके परिवारों में उनकी पसंद के अनुसार कपड़े पहनने की आजादी दे दी थी। लेकिन समाज के ठेकेदारों को यह पसंद नहीं था। वह छात्रों को उनकी पसंद के कपड़ों में कॉलेज जाने हुए देख उग्र हो उठे और उन्होंने खुर्जा शहर के एक कॉलोनी को देखते ही देखते जैसे एक तालिबानी कॉलोनी बना दिया।
हालांकि, दो दिन पूर्व जब यह मामला सामने आया तो खुर्जा की उप-जिलाधिकारी ईशा प्निया ने कॉलोनी के लोगों को इस बाबत समझाया और बैठक के जरिए चेतावनी दी थी कि ऐसी गुस्ताखी सहन नहीं की जाएगी। जो भी बदमाश छात्रों को बुर्का पहनने पर मजबूर कर रहे हैं उनको जेल भेज दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि मामला दो दिन तो शांत रहा। लेकिन आज सुबह से फिर असामाजिक लोग सक्रिय हो गए हैं। वह फिर कस्बे की गलियों में विचरण कर रहे हैं और लोगों को धमका रहे हैं कि लड़कियों को अगर कॉलेज भेजना है तो बुर्का पहनकर ही भेजना होगा।
बताया जा रहा है कि दो दिन पूर्व एसडीएम ईशा प्रिया ने एक बैठक की थी। बैठक के दौरान समाज के सभी जिम्मेदार लोगों ने पुलिस प्रशासन के साथ एसडीएम ईशा प्रिया को आश्वत करते हुए कहा कि वह पूर्णरूप से उनका सहयोग करेंगे। यदि फिर ऐसी कोई घटना होती है तो वह खुद उन मनचलों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर देंगे। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि कोई भी व्यक्ति अब बदमाशों के सामने आने की हिम्मत नहीं कर रहा है। जबकि दुसरी तरफ छात्राओं ने प्रशासन से पुलिस सुरक्षा की मांग की है।