उत्तर प्रदेश पुलिस ने 12 फरवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पोर्न वीडिओ देखने वाले पर नजर रखने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 1090 की शुरआत की थी | इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को बताया गया कि इंटरनेट पर पॉर्न वीडियो देखने वालों को ऐसा न करने के लिए जागरूक किया जाएगा। ऐसे साइट विजिट करने वालों के पास हेल्पलाइन नंबर 1090 से चेतावनी का मेसेज आएगा। इसका मकसद था रेप की घटनाओ पर रोक लगाना | इस डाटा का उपयोग पुलिस अपनी जांच भी करगी | यदि किसी इलाके में कोई रेप होता हैं हैं तो पुलिस उन व्यक्ति से पूछताछ करेंगी | जो व्यक्ति उस इलाके में पोर्न देखते हैं इस खबर से उत्तर प्रदेश पुलिस पहले खूब चर्चा में आयी थी| अब एक बार पुलिस फिर ऐसी ही चर्चा से खबरों मैं हैं
फेक मैसेज के कारण ट्रोल हुई उत्तर प्रदेश पुलिस
आईटी एक्ट के तहत चाइल्ड पोर्नोग्राफी सर्च करना, उसे देखना और उसका आदान-प्रदान करना अपराध की श्रेणी में आता है. हालांकि, यूपी पुलिस के इस संदेश को कुछ शरारती तत्वों ने अश्लील वीडियो से जोड़कर सोशल मीडिया पर 1090 का फेक मैसेज वायरल कर दिया. एसएमएस में लिखा है कि इंटरनेट यूजर… उत्तर प्रदेश पुलिस 1090 आपको अश्लील पॉर्न विडियो देखने के अपराध में पूर्वसूचित करती है कि अगली बार अश्लील विडियो देखने पर चेतावनी देने के बजाय कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मेसेज के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर निजता के अधिकार को लेकर बहस छिड़ गई। लोगों ने यूपी पुलिस को खूब ट्रोल भी किया।लोग सोशल मीडिया में सवाल उठने लगे कि जब इंटरनेट पर पॉर्न वीडियो या साइट देखना गैरकानूनी नहीं है तो चेतावनी किस बात की।
एडीजी नीरा रावत ने दिए जांच के आदेश
1090 के इस मैसेज को गलत तरीके से सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है. एडीजी नीरा रावत ने अब जांच के आदेश दिए हैं. नीरा रावत ने कहा कि 1090 की तरफ से किसी को कोई मैसेज नहीं भेजा गया है. वायरल मैसेज फेक हैं और इसके जांच के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी से सम्बंधित सामग्री इंटरनेट पर सर्च करने वाले लोगों को पॉप अप मैसेज के जरिए सेंसटाइज किया जाएगा. कुछ शरारती तत्वों ने इसी मिसकम्युनिकेशन का फायदा उठा लिया.