राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ,एनआरसी मुद्दा इन दिनों देश के राजनीतिक गलियारों में छाया हुआ है। विपक्षी पार्टियाँ इस पर जहाँ सरकार को लगातार घेरने की कोशिश कर रही है वहीं सरकार भी उन्हें करारा जबाब देने में जुटी है।घुसपैठियोंके खिलाफ हाल ही में असम में एनआरसी को लेकर देशभर में राजनीति हुई और हो रही है। अब दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश में भी एनआरसी के मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है।
उत्तर प्रदेश में तो राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रेशन एनआरसी का ड्राफ्ट जारी करने की डीजीपी मुख्यालय ने आज 1 अक्टूबर को इस पर ड्राफ्ट जारी करने की डीजीपी मुख्यालय ने तैयारी शुरू कर दी है राज्य के सभी जिलों के पुलिस कप्तानों आईजी, डीआईजी रेंज व एडीजी जोन को पत्र भेजकर इस पर काम शुरू करने के निर्देश दिए जाएंगे।सूत्रों के मुताबिक एनआरसी के लिए डीजीपी मुख्यालय ने जो मसौदा तैयार किया है उसमें सभी जिलों के बाहरी छोर पर स्थित रेलवे स्टेशन बस स्टैंड रोड के किनारे व उसके आसपास नई बस्तियों की पहचान की जाएगी जहां बांग्लादेशी व अन्य विदेशी नागरिक अवैध रूप से शरण लेते हैं। सतर्कता के साथ सत्यापन के इस कार्य की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाएगी। जांच में अगर संबंधित व्यक्ति अपना पता अन्य राज्यों जिलों में बताता है तो समयबद्घ तरीके से उसका सत्यापन कराया जाएगा।
जिसमे पुलिस यह भी पता लगाएगी कि विदेशी नागरिकों द्वारा अपने प्रवास को विनियमित करने के लिए कौन.कौन से फर्जी अभिलेख व सुविधाएं ले ली गई हैं। इसमें राशन कार्डए वोटर कार्डए ड्राइविंग लाइसेंसए शस्त्र लाइसेंसए पासपोर्ट व आधार कार्ड हो सकते हैं। इन फर्जी अभिलेखों व सुविधाओं के बारे में जांच पूरी होने पर उनके निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी और यह सुविधाएं मुहैया कराने वाले बिचौलियों व विभागीय कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी।
सूत्रों के मुताबिक अवैध आवासित विदेशी नागरिकों के फिंगर प्रिंट लेकर राज्य फिंगर प्रिंट ब्यूरो भेजा जाएगा। वहां ऐसे लोगों का कंप्यूटराइज्ड डाटा जिलावार रखा जाएगा। साथ ही विभिन्न व्यवसायों जैसे कंस्ट्रक्शन कंपनियों को अपने यहां काम कर रहे विदेशी मजदूरों के आईडी प्रूफ का पुलिस सत्यापन कराकर रखना होगा।
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अवैध विदेशी नागरिकों को पहचान कर उन्हें देश से निकालने के लिए प्रस्ताव निर्धारित प्रारूप में शासन के गृह ,वीजाद्ध विभाग को भेज दिया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया की समय-समय पर समीक्षा होगी। अवैध विदेशियों को वापस भेजने के लिए आईजी बीएसएफए कोलकाता से समन्वय स्थापित किया जाएगा।आंतरिक सुरक्षा को प्रभावी बनाने के लिए इस अभियान को त्यौहारों से पहले शुरू करने की जरूरत बताई गई है। मसौदे में यह भी कहा गया है कि इस सूची में कई ऐसे व्यक्ति भी हो सकते हैं जो किसी जिले के फरार अपराधी हों। उनकी पहचान त्रिनेत्र एप से कराई जाएगी।