श्रीनगर गढ़वाल| राज्य में जहां एक ओर लोग कोरोना के पैर पसारने से चिंतित हैं, वहीं स्टोन क्रशरों ने उनका जीना दूभर किया हुआ है| ये स्टोन क्रशर न सिर्फ आबादी में शोर कर रहे हैं, बल्कि लोगों की खेतीबाड़ी, जल, जंगल और जमीन करने पर तुले हुए हैं| कीर्तिनगर ब्लॉक के चोपड़ियों गांव के ग्रामीण ने स्टोन क्रशर का विरोध कर रहे हैं| ग्रामीणों का आरोप है कि स्टोन क्रशर के संचालन से पेयजल स्रोत सहित उनकी खेती प्रभावित हो रही है| ग्रामीणों ने प्रशासन से चोपड़ियो में स्टोन क्रशर के संचालन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है|
चोपड़ियो गांव के ग्रामीणों ने लंबे समय से संचालित हो रहे स्टोन क्रशर का विरोध कर रहे है. ग्रामीणों का आरोप है कि स्टोन क्रशर के संचालन से उनकी भूमि सहित उनके पेयजल स्रोत प्रभावित हो रहे हैं. जिसके चलते उनकी उपजाऊ भूमि भी खराब हो रही है. कई बार प्रशासन को इस बात की सूचना दी गयी है, लेकिन प्रशासन मामले में कार्रवाई करने से बच रही है|
ग्रामीण संदीप रावत का कहना है कि सरकार द्वारा नदी किनारे स्टोन क्रशर के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन चोपड़ियो गांव में नियम विरुद्ध बेखौफ होकर स्टोन क्रशर संचालित हो रहा है| पूर्व में गढ़वाल कमिश्नर की जांच के चलते इस स्टोन क्रशर को बंद किया गया था, जो अब फिर से संचालित होने लगा है| ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर 10 सितंबर तक हमारी मांगें नहीं मानी गई तो हम सभी भूख हड़ताल करेंगे|