कांग्रेस मात्र तीन राज्यों में सत्ताशीन है। इनमें हिमाचल, तेलंगाना और कर्नाटक शामिल हैं। झारखंड और तमिलनाडु मे वह गठबंधन सरकारों का हिस्सा है। 2009 में 13 राज्यों में सत्ताशीन कांग्रेस वर्तमान में अपने सबसे कमजोर दौर से गुजर रही है। गत् वर्ष हिमाचल में उसकी सरकार गिरते-गिरते बची थी। कर्नाटक में आंतरिक कलह चलते कभी भी कुछ बड़ा खेला होने की आशंका बनी रहती है। सूत्रों की मानें तो दो साल पहले मई 2023 में राज्य की सत्ता पर काबिज हुए सिद्धारमैया की कुर्सी एक बार फिर से डगमगाने लगी है। राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार मांग कर रहे हैं कि ढाई वर्ष पूरे होते ही सिद्धारमैया तय फाॅर्मूले के अनुसार पद छोड़ दें। शिवकुमार गांधी परिवार के करीबी बताए जाते हैं। 6 मई 2023 में उनके और सिद्धारमैया के बीच सीएम पद को लेकर जमकर नूरा-कुश्ती हुई थी। तब गांधी परिवार के हस्तक्षेप बाद सिद्धारमैया सीएम बने थे और यह बात सामने आई थी कि ढाई बरस बाद डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा। अब लेकिन सिद्धारमैया समर्थक ऐसे किसी फाॅर्मूले की बात को सिरे से खारिज करने लगे हैं। यहां तक कि बात शिवकुमार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने की जोर पकड़ने लगी है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस की आंतरिक कलह का लाभ उठाने के लिए भाजपा ‘ऑपरेशन लोटस’ की तैयारियों में जुट गई है। देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आलाकमान कर्नाटक में पार्टी की सरकार बचाने के लिए कड़े फैसले ले पाएगा? और क्या राज्य सरकार पूरा टर्म काम कर पाएगी?
कर्नाटक में खेला शुरू
