पूर्व गृह एवं वित्तमंत्री पी चिदंबरम की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। सीबीआई को हिरासत में बंद चिदंबरम ने इन्फोर्समेंट डाॅयरेक्टर द्वारा दर्ज बेनामी संपत्तियों और मनी लाऊंड्रिग के मामलों में सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत की गुहार लगाई है। आज इस मामले में सुनवाई होनी है। सूत्रों की माने तो वित्त मंत्रलय की फाइनेसियल इन्डेलिजेस यूनिट (एफआई) के पास चिदंबरम परिवार के अर्जेन्टायना, आस्ट्रिया, मलेशिया, फिलिपाइन्स, सिंगापुर, साऊथ अमेरिका, स्पेन, श्रीलंका, फ्रास और वर्जिन आइलैंड में बेनामी संपत्ति होने का पूरा कच्चा चिट्ठा मौजूद है। पूरी संभावना है कि चिंदबरम की बेल याचिका का विरोध कर हरी ईडी आज सुप्रीम कोर्ट में इन संपत्तियों की बाबत सबूत पेश कर सकती है। 23 अगस्त को ईडी ने कोर्ट में बताया था कि पूर्व वित्त मंत्री के करीबियों ने काले धन को सफेद करने के लिए कई बेनामी कंपनियों को बनाया है। जिनके जरिए इनके द्वारा विदेश के कई मुल्कों में संपत्तियां खरीदी गई हैं। कोर्ट ने ईडी को पूरी को पूरी जानकारी सोमवार, 26 अगस्त को उपलब्ध कराने को कहा था। खबर है कि ईडी कोर्ट को दो ऐसे लोगों की बाबत भी बता सकती है जो चिदंबरम के ऐजन्ट बन उनके वित्त मंत्री रहते विदेशी पूंजी निवेश का लाइसेंस दिलाने का काम करते थे। पूर्व वित्तमंत्री के वकीलों ने कोर्ट के समक्ष कहा है कि चिदंबरम या उनके किसी परिजन का ऐसे किसी भी मामले से कुछ लेना-देना नहीं है। स्वयं कांग्रेस मुख्यालय में अपनी गिरफ्तारी से पहले आयोजित प्रेस कांर्फेन्स में चिदंबरम ने स्वयं को पूरी तरह निर्दोष बताया था। ईडी आज सुप्रीम कोर्ट में इस दावे को गलत ठहराते हुए 17 ऐसे बेनामी खातों की लिस्ट भी कोर्ट को सौंप सकती है जिसके द्वारा काले धन को सफेद किया गया और विदेशों में संपत्ति खरीदी गई। कोर्ट में ईडी चिदंबरम की कस्टडी मांगने के लिए यह प्रमाण भी दे सकता है कि पिछली सारी इन्वेस्टीगेशन के दौरान चिदंबरम का रवैया सहयोग का नहीं रहा है। इसलिए उनकी गिरफ्तारी जरूरी है।
चिदंबरम की बढ़ती मुश्किलें, आज सुप्रीम कोर्ट को ईडी कर सकता है बेनामी संपत्तियों का खुलासा
