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राज्य सभा सांसद व देश के वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का हुआ निधन

देश के दिग्गज वकीलों में शुमार राम जेठमलानी का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। जेठमलानी देश के सबसे बेहतरीन वकीलों में गिने जाते थे। उन्होंने अपने जीवन में कई बड़े केस लड़े और जीते थे। जेठमलानी दिग्गज वकील होने के साथ-साथ केंद्रीय कानून मंत्री भी रह चुके हैं। राम जेठमलानी पिछले दो हफ्ते से गंभीर तौर पर बीमार थे।

राम जेठमलानी एक वरिष्ठ वकील के साथ-साथ एक बड़े राजनेता भी थे । वे बीजेपी से सांंसद व केन्द्रीय मंत्री भी  रह चुके है। देश के सबसे बड़े और मंहगे वकील होने के साथ ही वर्तमान में वह राज्यसभा सांसद भी थे। उन्हें 2016 में राष्ट्रीय जनता दल ने राज्यसभा भेजा था। वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कानून मंत्री कि जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। मुंबई लोकसभा सीट से वह दो बार भाजपा सांसद रह चुके हैं। वह बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
उनकी गिनती देश के नामचीन क्रिमिनल वकीलों में की जाती रही है।  जेठमलानी  ने कई मशहूर केस लड़े हैं। जिसमें  इंदिरा गांधी हत्यारों, डॉन हाजी मस्तान,  हर्षद मेहता, आतंकी अफजल गुरु, जेसिका लाल मर्डर केस,  2जी स्कैम केस और  आसाराम का मामला  जैसे केस शामिल हैं। इसके साथ ही जेठमलानी ने बाबा रामदेव , राजीव गांधी के हत्यारों , लालू यादव , जयललिता और जगन रेड्डी की पैरवी कर चुके थे।  
जेठमलानी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह के पक्ष में वकील के तौर पर पेश हुए थे। उस केस में  उन्होंने एम्स के डॉक्टर और इंदिरा गांधी के शव का पोस्टमार्टम करने वाले टी डी डोगरा द्वारा दिए गए मेडिकल प्रमाणों को भी चैलेंज किया था।  हालांकि उनके इस केस को लेकर कई लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई थी।राम जेठमलानी ने राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की हत्या के आरोपियों से लेकर चारा घोटाला मामले में आरोपी लालू प्रसाद यादव तक का केस लड़ा था। इसके अलावा वह संसद पर अटैक मामले में अफजल गुरु से लेकर सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में अमित शाह का केस भी लड़ चुके थे।
जेठमलानी एक ऐसे वकील थे जो किसी पहचान के मोहताज नहीं थे। उन्होंने कई बड़े केस लड़े हैं। उन्होंने 17 साल की उम्र में ही कानून की डिग्री हासिल कर ली थी और 18 की उम्र में प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी। हालांकि उस समय नियमानुसार 21 साल की उम्र से ही प्रैक्टिस की जा सकती थी लेकिन उन्हें छूट मिली और वह 18 की उम्र में वकील बनकर कराची में पैरवी करने लगे। 1947 में जब देश का विभाजन हुआ तो वह परिवार के साथ मुंबई आ गए और यहां उन्होंने एक नए सिरे से अपनी जिंदगी शुरू की।
तब महज 18 साल की उम्र में उनकी शादी दुर्गा से हुई थी और बाद में उन्होंने रत्ना सहानी से दूसरी शादी की। रत्ना खुद एक वकील थीं और दोनों ने 1952 में शादी की। उनके दो बेटे और तीन बेटियां हैं। जिसमें से महेश जेठमलानी और स्वर्गीय रानी  जेठमलानी भी मशहूर वकील हैं। विभआजन से पहले राम जेठमलानी पाकिस्तान के सिंध प्रांत में वकील और प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत थे। विभाजन के बाद जब दंगे हुए तो अपने दोस्त की सलाह पर वह भारत आए थे। उन्होंने कई दिन रिफ्यूजी कैंप में बिताए और उस समय उनकी जेब में केवल एक पैसे का सिक्का था।

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