उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला, उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार से सवाल पूछा कि आखिर यह कैसी जीडीपी है, जो की लगातार बढ़ रही है लेकिन राज्य में बेरोजगारी और महंगाई अपने चरम पर है, क्योंकि यह बात किसी के भी गले नहीं उतर रही है। जब किसी राज्य की जीडीपी बढ़े और वहां का राजश्व शून्य हो जाए, क्योंकि एक तरफ तो सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है और दूसरी तरफ राज्य सरकार कह रही है कि उत्तराखंड की जीडीपी बढ़ रही है। हरीश रावत ने आरोप लगाया की महंगाई लगातार बढ़ रही है और राज्य का उपभोक्ता मजबूर हो चुका है क्योंकि हकीकत यह है कि पिछले पांच सालों में इतनी बेरोजगारी कभी नहीं बढ़ी, महंगाई इतनी बेकाबू कभी नहीं हुई, जिससे यह साबित हो चुका है कि इस समय मनमोहन इकोनॉमी वर्सेज मोदी इकोनॉमी चल रही है, मनमोहन इकोनॉमी के तहत सरकार ने पैसा जनता की जेब में डालने का काम किया, जबकि मोदी सरकार में जनता की जेब से पैसा निकालकर कॉरपोरेट घरानों को दिया और इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस 14 दिसंबर को दिल्ली में मोदी सरकार के खिलाफ एक रैली रामलीला ग्राउंड में आयोजित करने जा रही है। दूसरी तरफ गन्ना किसानों की मांग और लंबित पड़े गन्ना भुगतान को लेकर हरीश रावत 5 दिसंबर को देहरादून में विधानसभा के सामने उपवास रखेंगे, उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाई त्रिवेंद्र रावत ने कहा की हरीश रावत मोटे हो गए हैं लिहाजा वह अपने भाई की राय मानकर उपवास रखेंगे। मीडिया से मुखातिब होने से पहले जब हरीश रावत हल्द्वानी पहुंचे तो एक चाय की दुकान पर चाय बनाने लगे और बेरोजगारी के प्रति अपना विरोध जताने लगे।
हरीश रावत ने भरी हुंकार, निशाने पर सरकार…
