कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का राजनीतिक जीवन बेहद उथल-पुथल वाला रहा है। बेचारे कभी अपना टर्म बतौर मुख्यमंत्री पूरा नहीं कर पाए हैं। इस बार जोड़-तोड़कर सीएम तो वे फिर से बन गए, लेकिन राज्य में स्थिर सरकार दे नहीं पा रहे हैं।
कांग्रेस के विधायकों से दलबदल करवा येदियुरप्पा ने सरकार तो बना ली, लेकिन दोबारा चुनाव जीत विधायक बने ये नेता उनके लिए बड़ा सिरदर्द बन गए हैं। खबर है कि इनमें से दस विधायकों को वे मंत्री बनाने जा रहे हैं। भाजपा के समर्पित नेताओं को इससे खासा एतराज है। सूत्रों की मानें तो मंत्री बनने की कतार में खड़े खांटी भाजपाई बगावत के मूड में हैं।
कर्नाटक में हरियाणा की तर्ज पर आयाराम-गयाराम की राजनीति चलती है। बागी तेवर अपना चुके विधायकों का नेतृत्व सुरपुर से विधायक राजू गौड़ा कर रहे हैं। गौड़ा का दावा है कि उनके साथ 10 विधायक हैं जो यदि मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए गए तो पार्टी छोड़ सकते हैं। मामला अब दिल्ली दरबार में पहुंच चुका है। जानकारों की मानें तो स्वयं भाजपा अध्यक्ष इन बागियों को समझाने में जुटे हैं।