योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली को लेकर लंबे अर्से से पार्टी नेताओं की नाराजगी के समाचार सुनने को मिलते रहते हैं। आदित्यनाथ पर उनके ही विधायकों और सांसदों का आरोप है कि वे नौकरशाहों के भरोसे सरकार चलाते हैं जिसके चलते नौकरशाह सांसद-विधायक तो दूर की बात है, मंत्रियों तक के निर्देश नहीं मानते हैं। सत्ता गलियारों में इन सब बातों के चलते चर्चा जोरों पर है कि पांच राज्यों में चुनाव बाद भाजपा आलाकमान योगी आदित्यनाथ के पर कतरने जा रहा है। चर्चा इस बात की भी गर्म है कि यूपी के सीएम इन दिनों केंद्रीय गृह मंत्री तक की नहीं सुनते हैं। सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा कुछ आईएएस, आईपीएस अफसरों को तत्काल प्रभाव से यूपी से मुक्त कर केंद्र की प्रतिनियुक्ति में भेजे जाने संबंधी पत्र लंबे अर्से से राज्य के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी के दफ्तर में धूल फांक रहा है। चूंकि अवस्थी सीएम के बेहद करीबी अफसर बताए जाते हैं इसलिए राज्य के मुख्य सचिव आरके तिवारी तक गृह विभाग के मामलों में दखल देने से बचते हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन दिनों योगी केवल पीएमओ और पार्टी अध्यक्ष की बातें सुनते हैं, बाकी बड़े नेताओं की कुछ भी नहीं चल पा रही है। ऐसे में पांच राज्यों के चुनाव बाद भाजपा आलाकमान कुछ ऐसा करने का मन बना चुका है जिससे न केवल योगी की ताकत और भौंकाल पर लगाम लगाई जा सके साथ ही पार्टी के सांसद-विधायकों की नाराजगी भी राज्य में चुनावों से पहले दूर की जा सके।
यूपी भाजपा भीतर बढ़ रही है एंटी योगी लहर

