भारत का दो दिवसीय दौरा पूरा करने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग महाबलीपुरम से सीधे काठमांडू पहुंचे। 23 साल के बाद कोई चीन का राष्ट्रपति नेपाल के दौरे पर है, तो इसके कुछ मायने हैं। नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार बनने के बाद चीन के राष्ट्रपति के इस दौरे को चीनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है , तो वहीं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नेपाल में सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि चीन को तोड़ने का कोई प्रयास किया गया, तो उसकी हड्डी-पसली तोड़ दी जाएगी। “चीनी मीडिया के मुताबिक राष्ट्रपति जिनपिंग की यह चेतावनी नेपाल दौरे पर आई है। नेपाल में ही राष्ट्रपति जिनपिंग ने काफ़ी सख़्त लहजे में कहा है कि चीन में किसी ने स्वतंत्रता की वकालत की तो उसका कचूमर निकाल दिया जाएगा।
चीन ने मारी पलटी
नेपाल के नेताओं से बातचीत में जिनपिंग ने कहा कि, ”यदि चीन के किसी भी हिस्से में देश को बाँटने का प्रयास किया, तो उसकी हड्डियां तोड़ दी जाएंगी. कोई बाहरी ताक़त यदि ऐसे प्रयासों का समर्थन करती है, तो वो चीन की नज़र में दिन में सपने देखने वाले लोग हैं.”चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की इस सख्त चेतावनी को कई संदर्भों में देखा जा रहा है। नेपाल में तिब्बत की स्वतंत्रता के समर्थन में कुछ तिब्बती एक्टिविस्ट शी जिनपिंग के दौरे का विरोध कर रहे थे। इन प्रदर्शनकारियों पर नेपाल सरकार ने सख्त एक्शन लिया है। शी जिनपिंग के इस बयान को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है।इसके साथ ही हांगकांग में पिछले चार महीनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन से भी जिनपिंग के बयान को जोड़ा जा रहा है। कल 13 अक्टूबर रविवार को हांगकांग में कई शांतिपूर्ण रैलियां निकाली गईं और इस दौरान पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की हिंसक झड़पें भी हुईं।
चीन के राष्ट्रपति के आगमन को लेकर नेपाल में भारी उत्साह दिखाई दिया. नेपाल के राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी, प्रधानमंत्री केपीएस ओली समेत पूरा मंत्रिमंडल जिनपिंग की आगवानी में त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। इस दौरे के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग नेपाल के साथ कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।इनमें चीन के केरुंग से नेपाल के काठमांडू तक सीधी रेलवे लाइन बनाने पर भी हस्ताक्षर करने की तैयारी है।