पाकिस्तान में पिछले कुछ दिनों से चल रहे सियासी घमासान के बीच विपक्ष की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुना इमरान खान को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने नेशनल असेंबली को बहाल कर दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना ही होगा।
कल 9 अप्रैल को संसद में फिर से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाएगा। दरअसल , सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र की लाज रख ली। करीब दो हफ्तों से जारी सियासी घमासान फिलहाल थमता नजर आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने और नेशनल असेंबली भंग करने के दोनों फैसलों को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया है । कोर्ट ने कहा इमरान किसी भी सूरत में राष्ट्रपति से नेशनल असेंबली भंग करने की सिफारिश नहीं कर सकते । अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराएं। सरकार हारती है तो नई सरकार का गठन कराया जाए।
चार दिन चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अविश्वास प्रस्ताव खारिज करना और नेशनल असेंबली भंग करना, दोनों काम गैरकानूनी थे। प्रधानमंत्री इमरान खान को यह अधिकार नहीं है कि वो राष्ट्रपति से संसद भंग करने को कहें।
कोर्ट के आदेश के बाद अब कल 9 अप्रैल को संसद का सत्र बुलाया जाएगा। इसमें अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। इसके मायने ये हुए कि इमरान जिस फजीहत से बच रहे थे, वही होने लगा है। दरअसल, इमरान चाहते थे कि संसद में उन्हें वोटिंग के दौरान हार का मुंह न देखना पड़े। इसलिए उन्होंने डिप्टी स्पीकर के जरिए अविश्वास प्रस्ताव ही खारिज करा दिया। बाद में राष्ट्रपति को सिफारिश भेजकर संसद भंग करा दी। इसके पहले ही वो पूरे देश में रैलियां करने लगे थे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले कोर्टरूम को पूरी तरह लॉक कर दिया गया था। कोर्ट के बाहर भी कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। कड़ी सुरक्षा के बीच सुप्रीम कोर्ट ने यह बड़ा फैसला सुनाया है। इसके बाद इमरान खान को बड़ा झटका लगा है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में विपक्ष ने इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। नेशनल असेंबली में डिप्टी स्पीकर ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इसके तुरंत बाद इमरान खान ने संसद भंग करने की सिफारिश राष्ट्रपति को भेज दी और राष्ट्रपति ने इसे मंजूर भी कर लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान भी लिया था और विपक्ष ने डिप्टी स्पीकर के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए भी कहा था कि डिप्टी स्पीकर द्वारा उठाया गया कदम असंवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी तलब किया था।
फौज के इशारे पर फैसला
इमरान को हमेशा इलेक्टेड के बजाए सिलेक्टेड PM कहा गया। वजह- उन्हें जनरल बाजवा और पूर्व ISI चीफ फैज हमीद ने कुर्सी तक पहुंचाया। जब खान बाजवा को ही आंखें दिखाने लगे तो उनके बुरे दिन शुरू हो गए। विपक्ष भी हालात भांप गया। अविश्वास प्रस्ताव खारिज हुआ और नेशनल असेंबली भंग। फौज ने NSC की मीटिंग में भी इमरान से किनारा कर लिया। सुप्रीम कोर्ट ने भी इमरान को नहीं बख्शा। वजह सिर्फ इतनी है कि फौज खान पर मेहरबान नहीं रही। गुरुवार की सुनवाई में अटॉर्नी जनरल की दलीलें इसका साफ सबूत थीं।
सब संविधान के हिसाब से हो रहा, तो आप क्यों परेशान
इमरान की बयानबाजी से नाराज फॉरेन मिनिस्ट्री