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महिलाओं के लिए असुरक्षित स्थान बनती जा रही है दिल्ली

राजधानी दिल्ली महिलाओं के लिए असुरक्षित बनती जा रही है। एनसीआरबी की रिपोर्ट पहले ही इस बात की संकेत कर चुकी है। लेकिन हाल ही में सामने आए सामूहिक बलात्कार के मामले से यह और भी स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली महिलाओं के लिए कहीं भी सुरक्षित नहीं है।दिल्ली से एक दहला देने वाला मामला सामने आया है। आईटीओ पर एक युवती से हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं हैं। तीन आरोपियों द्वारा एक युवती के साथ दुष्कर्म किया गया है। जिससे युवती के मानसिक संतुलन को गहरा आघात पहुंचा है ।

 

यह घटना 10 और 11 अक्टूबर की रात करीब 9 :30 की बताई जा रही है। लेकिन दिल्ली पुलिस द्वारा अब इस मामले का खुलासा किया गया है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है। ये आरोपी 700 सीसीटीवी कैमरे और 150 से अधिक ऑटो रिक्शा वालों से पूछताछ के बाद पुलिस के हाथ लगे हैं। आरोपियों की पहचान प्रमोद बाबू, प्रभु महतो और मोहम्मद शम्सुल के रूप में हुई है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस द्वारा मामले की जांच के लिए दस टीमें लगाई गई थी । 21 दिन की कड़ी मेहनत के बाद तीनो आरोपियों ऑटो चालक प्रभु, कबाड़ी की दुकान पर काम करने वाला प्रमोद और शमशुल लंगड़ा को हिरासत में लिया गया है।

 

                                                       हिरासत में लिए गए तीनो आरोपी                                                                   

 

आरोपी
 कबाड़ी  प्रमोद,  भिखारी शमशुल, ऑटोवाला प्रभु

 

 

पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल किया। पुलिस पूछताछ में आरोपी कबाड़ी वाले प्रमोद ने बताया कि सबसे पहले उसने ही शराब के नशे में पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था। उसके बाद भिखारी शमशुल ने भी। इतना ही नहीं थोड़ी देर में शराब के नशे में ऑटो ड्राइवर प्रभु महतो भी वहां पहुंचा और ऑटो में दुष्कर्म को अंजाम दिया। उसके बाद उसे बैठाकर दूसरी जगह ले गया और वहां भी उसके साथ दुष्कर्म किया। बाद में युवती को रस्ते में फ़ेंक दिया गया ।

 

युवती घटना के बाद राजघाट से पैदल चलते हुए सराय कालेखां पहुंची। इस दौरान युवती के निजी अंगों से खून बहता रहा। लेकिन चलते फिरते रिंग रोड पर किसी ने उसकी मदद नहीं की। इस मामले की जानकारी एक नौ सेना अधिकारी द्वारा पुलिस को दी गई। जिसने युवती इस गंभीर हालत में देखा था। दिल्ली पुलिस के अनुसार अगर सही समय पर जानकारी नहीं मिलती तो युवती की जान जा सकती थी। फिलहाल पीड़ित युवती का इलाज एम्स के मनोचिकित्सक विभाग में चल रहा है।

 

पीड़िता ओडिशा की रहने वाली है और वह सामाजिक क्षेत्र में आठ सालों से जुड़ी हुई है। खबरों के अनुसार उसने कई संगठनों में सक्रिय रूप से योगदान दिया है। पुलिस का कहना है कि पीड़ित युवती अपने परिवार को बताए बिना मई में दिल्ली चली आई थी और इस संबंध में उसके माता-पिता ने 9 जून 2024 को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया जा रहा है कि पुलिस ने ओडिशा में परिजनों को सूचना दी ,परिजन उसे लेने दिल्ली आए मगर वह नहीं गई।

 

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