Uttarakhand

धामी का ‘मिशन शक्ति’

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में साढ़े तीन लाख करोड़ से ज्यादा के पूंजी निवेश करार कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाजपा के सफलतम मुख्यमंत्रियों में शुमार हो चले हैं। इससे उत्साहित मुख्यमंत्री धामी अब मिशन 2024 के लक्ष्य को पाने की ओर अग्रसर हैं। प्रदेश में सामाजिक से लेकर आर्थिक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माने जाने वाली महिला शक्ति को साधने के लिए वे जनसंपर्क अभियान पर हैं। अब तक आधा दर्जन जिलों में नारी शक्ति सम्मेलन कर महिला सशक्तिकरण का संदेश देने में धामी कामयाब होते दिख रहे हैं। कहीं वे महिलाओं के साथ सूत कातते नजर आते हैं तो कहीं सिलबट्टे पर चटनी पिसते दिखते हैं। वे कहीं महिलाओं के साथ जमीन पर बैठे तो कहीं उन्होंने चक्की चलाकर महिलाओं का दिल जीत लिया। रोड शो में भारी भीड़ और महिलाओं के बीच धामी की बढ़ती लोकप्रियता से विपक्ष हैरान-परेशान नजर आने लगा है

ईजा-बैणी महोत्सव
दिनांक 30 नवंबर 2023 (स्थान-हल्द्वानी नैनीताल)
713 करोड़ की विकास योजनाओं का लोकापर्ण एवं शिलान्यास, 30 हजार महिलाओं की मौजूदगी से मुख्यमंत्री धामी को मिला भारी समर्थन।

बेटी ब्वारियूंक कौथिक
दिनांक 28 दिसंबर 2023 (स्थान-नई टिहरी)
413 करोड़ की विकास योजनाओं का लोकापर्ण एवं शिलान्यास। हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी का अवलोकन करते समय सीएम धामी महिला उद्यमी के साथ जमीन पर ही बैठ गए और अपने हाथों से चक्की चलाने लगे। महिलाओं का उत्साहवर्धन करने के लिए उनकी मदद की और अपने हाथों से टोकरी भी बनाई।

चैली-ब्वारियूंक कौथिक
दिनांक 1 जनवरी 2024 (स्थान-कपकोट बागेश्वर)
100 करोड़ की विकास योजनाओं का लोकार्पण। सीएम धामी ने की नववर्ष की शुरुआत, मातृशक्ति के साथ। महिलाओं के साथ बैठकर तांबे के बर्तनों में कला-कृतियों एवं रिंगाल की
टोकरियां बनाई।

दीदी-बैणी नारी शक्ति महोत्सव
दिनांक 8 जनवरी 2024 (स्थान-उत्तरकाशी)
291 करोड़ की परियोजनाओं का लोकापर्ण।
मुख्यमंत्री धामी ने नेशन अवार्ड में देश में दूसरे स्थान का सम्मान पाने वाले लाल धान के च्यूड़ा बनाने की जानकारी ली। महिला किसानों ने उन्हें लाल धान की बाली भेंट की। मुख्यमंत्री ने गिंज्याली (मूसल) थामकर पारंपरिक ओखली में महिलाओं के साथ लाल धान की कुटाई की। डुंडा और बगोरी क्षेत्र के पारंपरिक ऊन उत्पादकों से भेंटकर ऊन बुनाई व कताई के बारे में जानकारी ली और चरखा भी चलाया। साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने ऊन की कताई कर पारंपरिक ऊनी वस्त्रों को बढ़ावा देने का संदेश दिया।

नारी शक्ति वंदन महोत्सव
दिनांक 10 जनवरी 2024 (स्थान-रूद्रपुर)
मुख्यमंत्री ने चरखा में कताई कर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का मनोबल बढ़ाया। तुलसीमाला स्टॉल पर महिलाओं की इस स्वरोजगारपरक गतिविधि की सराहना करते हुए स्वयं भी इस पर अपना हाथ आजमाया और उन्हें इस कला को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। कन्याओं का पूजन कर प्रदेश की सुख-शांति, खुशहाली और चहुमुखी विकास की कामना की।

दीदी-बैणी नारी शक्ति महोत्सव
दिनांक 17 जनवरी 2024 (स्थान-पिथौरागढ़)
217.28 करोड़ की योजनाओं का लोकापर्ण एवं शिलान्यास। मुख्यमंत्री धामी ने धारचूला की दारमा, व्यास घाटियों के वाइब्रेंट विलेज से आई महिलाओं के साथ बागेश्वरी चरखे, तकली से ऊन कताई और रांच में पारंपरिक विधि से कालीन निर्माण का अनुभव लिया। साथ ही फिरका और बिंडा (मटका) के माध्यम से मट्ठा भी बनाया और सिलबट्टे में पहाड़ का पारंपरिक हरा नून (नमक) भी पीसा।

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में साढ़े तीन लाख करोड़ से अधिक के एमओयू साइन कराने की सफलता के बाद सूबे के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सड़कों पर उतर जनता, खासकर महिलाओं को उनके सशक्तिकरण की बात कह लुभाने में जुट गए हैं। अब तक आधा दर्जन जिलों में नारी शक्ति सम्मेलन कर महिला सशक्तिकरण का संदेश देने में कामयाब हो चुके हैं। इन महोत्सवों में धामी को महिलाओं का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। ऐसे में जब खांचों में बंटा विपक्ष एकजुट होकर सड़कों पर उतर कर संघर्ष करने की बजाय प्रेस कॉन्फ्रेंस और सोशल मीडिया में सक्रिय होकर अपने विपक्ष धर्म की इतिश्री कर रहा है। तब सीएम धामी ने सीधे जनता के बीच पहुंचकर सियासी सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। चाहे कपकोट- बागेश्वर में रोड शो रहा हो या फिर हल्द्वानी, उत्तरकाशी या ऊधमसिंह नगर में महिला सम्मेलनों का आयोजन, भारी-भीड़ का उमड़ना बड़ा राजनीतिक संदेश दे रहा है। ‘नारी शक्ति वंदन महोत्सव’ के जरिए सीएम धामी आधी आबादी को साधने का सियासी दांव-पेंच चल रहे हैं।

राजनीतिक पंडितों का आकलन है कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी की यह सक्रियता भाजपा को बड़ा सियासी फायदा पहुंचा सकती है।
भाजपा की प्रदेश के युवा और महिला वोट बैंक पर खास नजर है। निर्वाचन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में करीब 81.67 लाख मतदाताओं में से 39.31 लाख महिला मतदाता हैं। कुल मतदाताओं में से सबसे अधिक करीब 22.34 लाख वोटर 30-39 आयु वर्ग के हैं। भाजपा का फोकस इन वोटों को साधने पर है। महिलाओं को आरक्षण का कानूनी अधिकार उत्तराखण्ड में धामी सरकार पहले ही दे चुकी है। इसमें महिलाओं को
सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का कानूनी अधिकार दे दिया गया है।

पिथौरागढ़ की अधिवक्ता अनीता पंत मुख्यमंत्री के महिलाओं को समर्पित सम्मेलनों को सरकार के प्रति सकारात्मक रुझान बताती हैं और कहती हैं कि राज्य गठन में महिला शक्ति ही थी जिसने राज्य आंदोलन को गति देने का काम करते हुए बेहद अहम भूमिका निभाई। आज भी प्रदेश में तकरीबन पचास फीसदी महिला वोटर हैं। ऐसे में सरकार गठन में महिलाओं की भूमिका की महत्ता को मुख्यमंत्री धामी बखूबी समझ रहे हैं। महिलाओं के बीच जाकर वह उनके लिए नई-नई योजनाओं का शुभारंभ कर रहे हैं। इससे प्रदेश की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक मोर्चे पर महिला शक्ति मजबूत हो रही है।

दिनेशपुर (ऊधमसिंह नगर) की समाज सेविका हीरा सिंह जंगपांगी कहती हैं कि उत्तराखण्ड में 2022 के विधानसभा चुनाव परिणाम को याद कीजिए जब महिलाएं पुरुषों से एक कदम आगे बढ़कर वोटिंग के लिए बाहर निकलीं और बम्पर मतदान किया था। जिसका नतीजा तमाम मिथकों को तोड़ते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सत्ता में वापसी कर इतिहास बना डाला। मुख्यमंत्री अब आधी आबादी की इस शक्ति को हाथ से नहीं खिसकने देना चाहते हैं। उन्होंने महिलाओं के लिए तीस फीसदी क्षैतिज आरक्षण के बाद अब सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए महिला नीति भी बनाने का फैसला कर लिया है। महिला नीति के इस शुरुआती ड्राफ्ट में पंचायतों में पचास प्रतिशत आरक्षण की तरह ही निकायों, निगमों में भी आरक्षण देने की बात कही है। इसके साथ ही पहाड़, भावर और तराई की राज्य की भौगोलिक सरंचना के अनुरूप महिलाओं के लिए सुरक्षा और सामाजिक हिस्सेदारी की बात भी इस नीति में रखी गई है। मुख्यमंत्री धामी इस सच से पूरी तरह वाकिफ हैं कि महिलाओं का वोट पाना है तो उनके उत्थान के लिए सोचना भी होगा। इसी रणनीति पर वह आगे बढ़ते दिख रहे हैं।

अल्मोड़ा की छात्रा और सोच संस्था की सक्रिय सदस्य दीपिका पुनेठा के अनुसार राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए ही ‘नारी शक्ति वंदन’ अधिनियम पास किया गया है। प्रदेश में धामी सरकार लखपती दीदी, नंदा गौरा, महिला पोषण अभियान समेत तमाम योजनाएं चलाकर महिलाओं को सशक्त करने का काम कर रही है। ‘नारी शक्ति वंदन महोत्सव’ के जरिए सीएम धामी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी
महिलाओं को प्रमोट कर रहे हैं जिससे ये महिलाएं सभी क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन कर कामयाबी के झंडे बुलंद कर रही हैं।

बागेश्वर निवासी भावना धपोला का कहना है कि कोई राज्य एवं समाज तभी विकसित हो सकता है, जब हमारी मातृशक्ति सशक्त हो। राज्य में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के साथ ही ‘मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना’, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना और पोषण अभियान जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। धामी सरकार द्वारा तीलू रौतेली पुरस्कार योजना व नंदा गौरा योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन धनराशि में भी बढ़ोतरी कर महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम किया जा रहा है। लोगों के दिलों में मुख्यमंत्री धामी नारी सशक्तिकरण के नए मसीहा के रूप में उभर रहे हैं।

हम यत्र नारयस्तू पूजयन्ते तत्र रमयन्ते देवता वाले देश के गौरवशाली नागरिक हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्ग दर्शन में हमारी सरकार मातृ शक्ति के सशक्तिकरण का हर संभव प्रयास कर रही है। हमारे आराध्य भगवान श्रीराम का पूरा जीवन दर्शन महिलाओं, दलितों और वंचितों को न्याय दिलाने का रहा है। हम उसी दिशा में अपना योगदान दे रहे हैं।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड

 

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