दर्द निवारक दवा मेफ्टल को लेकर भारतीय फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी) ने चेतावनी जारी की है। आईपीसी ने कहा कि मेफ्टाल दवा को लेने वाले लोगों को चेतावनी दी जा रही है कि इसका घटक मेफेनैमिक एसिड दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है। इस अलर्ट में आयोग ने कहा कि फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया (पीवीपीआई) डेटाबेस में दवा के दुष्प्रभावों के प्रारंभिक विश्लेषण से ईोसिनोफिलिया और प्रणालीगत लक्षण (ड्रेस) सिंड्रोम का पता चला है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्रेस सिंड्रोम कुछ दवाओं के कारण होने वाली एक गंभीर एलर्जी है। कारणों में त्वचा पर लाल चकत्ते, बुखार और लिम्फैडेनोपैथी शामिल हैं, जो दवा लेने के दो से आठ सप्ताह के बीच हो सकते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मेफ्टाल का मुख्य घटक मेफेनैमिक एसिड है। यह एक एनाल्जेसिक है, जिसका उपयोग मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द के साथ-साथ मासिक धर्म के दर्द से राहत देने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग गले की खराश, नसों में दर्द और मांसपेशियों में दर्द के लिए भी किया जा सकता है।
Indian Pharmacopoeia Commission (IPC) issued a drug safety alert about Meftal painkiller, stating that its constituent, mefenamic acid, can cause adverse reactions pic.twitter.com/MHcfyoTLuI
— ANI (@ANI) December 7, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मेडिकल एक्सपर्ट्स ने इस दवा के साइड इफेक्ट्स के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह सिंड्रोम आंतों की बीमारियों (हेपेटाइटिस, न्यूमोनाइटिस, मायोकार्डिटिस, पेरीकार्डिटिस, नेफ्रैटिस और कोलाइटिस) का कारण बन सकता है, जिससे मृत्यु भी हो सकती है।
विशेषज्ञों ने कहा कि कई मामले ल्यूकोसाइटोसिस के साथ इओसिनोफिलिया या मोनोन्यूक्लिओसिस से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि ड्रेस सिंड्रोम की तुरंत पहचान की जानी चाहिए और दवा को वापस लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जितनी जल्दी दवा बंद कर दी जाएगी, पूर्वानुमान उतना ही बेहतर होगा।

