कृषि बिलों को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह से घिरी हुई है। प्रदर्शन कर रहे किसान ज्यादातर हरियाणा और पंजाब के है। हरियाणा में बीजेपी सरकार को अब एक और झटका लगा है। दादरी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने मंगलवार को हरियाणा की भाजपा-जेजेपी सरकार को ‘किसान विरोधी’ करार देते हुए अपना समर्थन वापस ले लिया।
सोमबीर ने कहा कि “मैंने इस किसान विरोधी सरकार को अपना समर्थन वापस ले लिया है । इस सरकार ने किसानों के ऋण के प्रति सहानुभूति रखने के बजाय उन्हें दिल्ली की ओर अग्रसर होने से रोकने के लिए पानी की तोपों, आंसू गैस जैसे सभी उपायों का इस्तेमाल किया। मैं ऐसी सरकार को अपना समर्थन जारी नहीं रख सकता। एक दिन पहले, केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर इकट्ठे हुए किसानों को अपना समर्थन देते हुए श्री सांगवान ने हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया था।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को लिखे पत्र में श्री सांगवान ने कहा था, मैंने किसानों के समर्थन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पूरे देश की तरह मेरे विधानसभा क्षेत्र दादरी के किसान भी इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इस स्थिति में, उन्हें अपना पूरा समर्थन देना मेरे लिए प्राथमिकता है और मेरा नैतिक कर्तव्य भी है। मैंने अपने भीतर की अंतरात्मा की बात सुनने के बाद किसानों को पूरा सहयोग दिया है।
विधायक के समर्थन वापस लेने के फैसले से राज्य में एक साल से अधिक पुरानी गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है, जिसे 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में आरामदायक बहुमत प्राप्त है । हरियाणा विधानसभा में 90 सदस्यों की संख्या है और इस समय भाजपा के 40 विधायक, सहयोगी जेजेपी के 10, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 31 सदस्य और आईएनएलडी व हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक विधायक शामिल हैं। इससे पहले कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी की सहयोगी रही अकाली दल की सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुकी हरसिमरत कौर बादल ने भी इस्तीफा दे दिया था। 1 दिसंबर को किसान नेताओं की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बैठक में मौजूद होगे।