भारत ने शनिवार को ओडिशा के बालासोर से शौर्य मिसाइल के नए संस्करण का सफल परीक्षण किया गया। जमीन से जमीन पर मार करने वाली यह बैलिस्टिक मिसाइल परमाणु क्षमता से लैस है। मिसाइल 800 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्यों को नष्ट कर सकती है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ा रही है। इसी क्रम में शनिवार को भारत ने 800 किमी तक मार करने में सक्षम मिसाइल का परीक्षण किया। शौर्य नाम की यह मिसाइल परम के हथियार को ले जाने में सक्षम है।
India successfully test-fires new version of nuclear-capable Shaurya Missile
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— ANI Digital (@ani_digital) October 3, 2020
यह मिसाइल मौजूदा मिसाइल प्रणाली को मजबूत करेगी और इसका संचालन हल्का और आसान है। भारत ने इस उन्नत मिसाइल का परीक्षण ऐसे समय में किया है जब LAC पर चीन के साथ तनाव एक सर्वकालिक उच्च स्तर पर है।
भारत कर रहा मिसाइलों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश
यह मौजूदा मिसाइलों की तुलना में हल्का और उपयोग में आसान है। सूत्रों ने यह भी कहा कि लक्ष्य की ओर बढ़ने से, यह अमितम चरण में अति-संवेदनशील गति प्राप्त करता है। इस साल पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा की गई घोषणा के बाद, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) देश को रणनीतिक मिसाइलों के क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रहा है।
चीन के साथ तनाव
उल्लेखनीय है कि भारत वर्तमान में लद्दाख सीमा पर चीन के साथ तनाव में है, दोनों देशों ने हजारों सैनिकों, हथियारों, टैंकों, तोपखाने, मिसाइलों और कई अन्य हथियारों के उपकरणों का भंडार किया है। ऐसी स्थिति में मिसाइल दुश्मन की अग्रिम पंक्ति और रियर सप्लाई लाइन को काटने के लिए सबसे अच्छे हथियार को नष्ट कर सकती है।
यही कारण है कि भारत लंबे समय से मिसाइल कार्यक्रम के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, और इस श्रृंखला में भारत ने कई मिसाइलों का परीक्षण भी किया है।
इससे पहले भारत ने किया एक ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण
इस बीच, भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया है, जिसकी रेंज 400 किमी है। लंबी दूरी के लक्ष्यों का सामना कर सकते हैं, पिछली मिसाइल की क्षमता से 100 किलोमीटर ऊपर। ओडिशा के चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से वर्ष 2008 में शौर्य मिसाइल का पहला परीक्षण किया गया था। इसके बाद सितंबर 2011 में दूसरा परीक्षण किया गया। पहले, इसमें 750 किमी दूर हथियार ले जाने की क्षमता थी।