दिल्ली के सत्ता गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि भाजपा के संस्थापक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके राम जेठमलानी के बागी तेवरों से पार्टी नेतृत्व ने उनसे क्षमा याचना तक करने से गुरेज नहीं किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली के घोर विरोधी रहे जेठमलानी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लगा निकाल बाहर किया था। जेठमलानी ने पलटवार करते हुए 2013 में अपने निष्कासन को कोर्ट में चुनौती दे डाली थी। अब 95 वर्षीय इस धुरंधर वकील के आगे सर्मपण करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने उनसे क्षमा याचना कर कोर्ट में चल रहे मुकदमे से निजात पा ली है। पार्टी सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जेठमलानी से माफी मांगना पार्टी आलाकमान के कमजोर होने को दर्शाता है।

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