अभी पूरी दुनिया कोरोना महामारी के संकट से जूझ रही है। इस महामारी ने सब कुछ ठप कर दिया है। ऊपर से अभी पूरे देश में लॉकडाउन लगा है जिसके कारण कई तरह की पाबंदियां भी लगी हैं।
कोरोना का सबसे अधिक प्रभाव देश के मज़दूरों पर पड़ा है। देश के अलग-अलग शहरों में प्रवासी मज़दूरों का बुरा हाल है। वे पैदल ही घर जाने के लिए मज़बूर हैं। देश के कई हिस्सों की तरह राजधानी दिल्ली का भी इसी तरह का हाल है। यहां पर कुछ मजदूरों को उनके मकान मालिक ने निकाल दिया, जिसके बाद अब घर वापस जाने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है।
दिल्ली-गाज़ीपुर बॉर्डर पर शुक्रवार सुबह कई प्रवासी मज़दूर जमा हुए जो उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों के रहने वाले हैं। यहां से वो पैदल घर का सफर तय करने वाले हैं।
मज़दूरों में से एक रीटा नाम की महिला का कहना है, “मेरा घर हरदोई में है…किराया नहीं देने की वजह से मकान मालिक ने घर से निकाल दिया। अब हमारे छोटे बच्चे हैं और पैदल ही घर जाने के अलावा कोई चारा भी नहीं है।”
Delhi: Migrant workers reach Delhi-Ghazipur border to return to their homes in different parts of Uttar Pradesh. One of them,Rita,says "My home is in Hardoi. My landlord has kicked me out as I couldn't pay rent. My children are young but there's no other option but to walk home." pic.twitter.com/2dPw1Gh5ZJ
— ANI (@ANI) May 15, 2020
ऐसा ही कहानी देश के अलग-अलग हिस्सों से हर मज़दूर की आ रही है। उनके पास न खाने को है न कुछ कमाने को है। इसलिए वह मजबूरी में घर के लिए रवाना हो रहा है। कोई सार्वजनिक वाहन ना होने के कारण मजदूरों को पैदल ही या फिर साइकिल के भरोसे अपने घर जाने के लिए निकलना पड़ रहा है।
केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकारों की सिफारिशों पर श्रमिक स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं। जिसमें लाखों मजदूर अपने घर वापस जा भी चुके हैं। पर इन ट्रेनों का फायदा हर किसी को नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि इन ट्रेन में वही सफर कर सकता है। जिसकी जानकारी स्थानीय अफसर और संबंधित राज्य सरकारों द्वारा दी गई हो।
ऐसे में लाखों की संख्या में प्रवाशी मजदूरों को अभी भी भटकना पड़ रहा है। वहीं, जो स्पेशल ट्रेनें शुरू हुई हैं वो राजधानी हैं और उनका टिकट सामान्य ट्रेनों से महंगा भी है ऐसे में इन प्रवासी मजदूरों के लिए वो खरीदना संभव नहीं है।

