भारत सरकार द्वारा सेना को जवान बनाये रखने के लिए पिछले साल शुरू की गयी ”अग्निपथ योजना” युवा पीढ़ी के लिए एक सुनहरा अवसर है। रिपोर्ट्स के अनुसार अग्निपथ भर्ती योजना के तहत होने वाली भर्तियों के नियमों में अब कुछ बड़े बदलाव किए जाने की बात कही जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, जल्द ही इस योजना के तहत सेना में होने वाली स्थाई भर्ती की संख्या में बढ़ोतरी होने वाली है।
जिसके मुताबिक इस योजना के आधार पर भर्ती किये जाने वाले 50 फीसदी उम्मीदवारों को स्थाई कर दिया जाएगा। जो पहले सिर्फ 25 फीसदी उम्मीदवारों के लिए ही सीमित थी। कहा जा रहा है कि अगर सरकार यह फैसला लेती है तो आने वाले चुनावों में इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
हालांकि अभी तक ये घोषणा आधिकारिक रूप से नहीं की गई है। लेकिन अगर अग्निवीर भर्ती योजना के नियमों में यह बदलाव होता है तो उम्मीदवारों को काफी राहत मिलेगी। मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रक्षा मंत्रालय गंभीरता से इस विषय पर विचार कर रहा है।
क्या है ‘अग्निपथ’ योजना
केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल किया जाना है। योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। अग्निवीरों की उम्र 17 से 23 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा। योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी।
क्या हैं योजना के उद्देश्य
1 – सशस्त्र बलों की युवा छवि को बढ़ाना ताकि वे जोखिम लेने की बेहतर क्षमता के साथ हर समय अपने सर्वश्रेष्ठ युद्ध कौशल से लैस हों।
2 –देश के तकनीकी संस्थानों का लाभ उठाते हुए उन्नत तकनीकी सीमाओं से लैस उभरती हुई आधुनिक तकनीकों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने, उन्हें अपनाने और उनका उपयोग करने हेतु समाज से युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करना।
3 -थोड़े समय के लिए वर्दी में राष्ट्र की सेवा करने के इच्छुक युवाओं को अवसर प्रदान करना।
4 – युवाओं में सशस्त्र बलों के जोश, साहस, सौहार्द, प्रतिबद्धता और समूह की भावना को आत्मसात करना।
5 – युवाओं को अनुशासन, जोश, प्रेरणा और कार्य-कुशलता जैसी योग्यताओं एवं गुणों से लैस करना ताकि वे हमारे लिए एक संपदा साबित हों।
अग्निवीर को दिया जाने वाला वित्तीय पैकेज
1 – प्रथम वर्ष का पैकेज लगभग 4.76 लाख रुपये
2 – चौथे वर्ष में लगभग 6.92 लाख रुपये तक उन्नयन भत्ते
3 – जोखिम एवं कठिनाई, राशन, पोशाक, यात्रा भत्ते जैसा लागू हो सेवानिधि
4 – मासिक वेतन का 30 फीसदी व्यक्ति विशेष द्वारा अंशदान किया जाएगा
5 – सरकार द्वारा समान राशि का मिलान एवं अंशदान
6 – 10.04 लाख रुपये के कोष के अलावा अर्जित ब्याज, जिसपर चार साल बाद आयकर से छूट मृत्यु की स्थिति में मुआवजा
7 – 48 लाख रुपये का गैर-अंशदायी जीवन बीमा कवर
8 – सेवा के दौरान मौत पर 44 लाख रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि
9 – ‘सेवानिधि’ घटक सहित चार वर्षों की अवधि तक में सेवा न किए गए काल के लिए भी वेतन
10 – दिव्यांग होने की स्थिति में मुआवजा
11 – चिकित्सा प्राधिकारियों द्वारा निर्धारित दिव्यांगता के प्रतिशत के आधार पर मुआवजा
12 – 100 फीसदी / 75 फीसदी / 50 फीसदी दिव्यांगता के लिए क्रमशः 44 / 25 / 15 लाख रुपए की एकमुश्त राशि।
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