उत्तराखंड के दर्जनों विधायक सीएम से नाराज बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार असंतुष्ट विधायकों का नेतृत्व डीडीहाट के विधायक बिशन सिंह चुफाल कर रहे हैं। जिनको नैनीताल के सांसद अजय भट्ट की शह बताई जा रही है। सभी विधायकों की पहलें हल्द्वानी मिटिंग हुई। इसके बाद दिल्ली में पार्टी आलाकमान के समक्ष हाजिर होने की तैयारी के मद्देनजर राजधानी को कूच किया जा रहा है।
सभी का एकसूत्र में कहना है कि वह अगला विधानसभा चुनाव सीएम त्रिवेद्र सिंह रावत के नेतृत्व में नही लडेंगे। इसके पीछे तथ्य गत दिनों भाजपा के हुए एक सर्वे को दिया जा रहा है।
जिस सर्वे में बताया जा रहा है कि भाजपा आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में 57 सीटों से सिमटकर 32 से 36 सीटों पर सिमट सकतीं है।
सूत्रों की मानें तो अब सभी विधायक दिल्ली जा रहें है। इनमें ज्यादातर वह विधायक हैं जो सीएम त्रिवेद्र सिंह रावत से किसी ना किसी वजह से नाराज हैं।
इनमें फिलहाल तीन नाम मुख्य तौर पर सामने आ रहे हैं। पहलें डीडीहाट विधायक बिशन सिंह चुफाल है। जो चार बार के विधायक हैं। वह ना केवल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं बल्कि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री भी रहें हैं।
उन्हें फिलहाल टीस इस बात की है कि सीएम मंत्रीमंडल विस्तार नही कर रहे हैं। प्रदेश में तीन मंत्रियो की सीट बहुत समय से खाली है। जिसपर एक सीट चुफाल चाहते हैं।
जबकि दूसरे विधायक लोहाघाट के विधायक पूरन फर्तयाल है। फर्तयाल सीएम से इस वजह से नाराज हैं कि उनके विधानसभा में एक कांग्रेस नेता के ठेकेदार भाई को सडक बनाने की स्वीकृति दे दी है।
जबकि इस सडक पर फर्तयाल तीन साल पहले रोक लगवा चुके थे। इस मामले में विधायक फर्तयाल ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिसके चलते उन्हें भाजपा ने तलब भी किया।
इसके अलावा तीसरे विधायक किच्छा के राजेश शुक्ला है। राजेश शुक्ला इस बात से नाराज हैं कि उनकी अपनी सरकार में अफसरशाही बेलगाम है और विधायको की नही सुन रही है। पिछले दिनों विधायक शुक्ला और आईएएस अधिकारी नीरज खैरवाल की आपसी तक़रार सबके सामने आ चुकी है।
असंतोष से भरें कुछ विधायक ऐसे हैं जो सीएम त्रिवेद्र सिंह रावत की अनदेखी से खफा है। ऐसे सभी असंतुष्ट विधायक दिल्ली जाकर आलाकमान के समक्ष अपने मन की बात करना चाहते हैं।
फिलहाल सभी असंतुष्ट विधायकों को नैनीताल के सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की शह बताई जा रही है। इसी के साथ ही उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के लिए बात की जाएगी।
चर्चा है कि भाजपा मिशन 2022 के मद्देनजर नेतृत्व परिवर्तन कर सकती है। राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है कि अगले सीएम अजय भट्ट बन सकते हैं। अजय भट्ट फिलहाल दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।