प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कल शुक्रवार, 16 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन एफएओ की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर 75 रुपये के स्मारक सिक्के का अनावरण किया जायेगा। देश में हाल ही में विकसित आठ फसलों की 17 जैव-खेती किस्मों को भी राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।
पीएमओ के एक बयान में कहा गया कि यह कार्यक्रम सरकार द्वारा कृषि और पोषण को दी जाने वाली सर्वोच्च प्राथमिकता को समर्पित है। यह भूख और कुपोषण को पूरी तरह से खत्म करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस कार्यक्रम में आंगनवाड़ी, कृषि विज्ञान केंद्र और जैविक बागवानी अभियानों से जुड़े देश भर के लोग शामिल होंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगी।
एफएओ का लक्ष्य क्या है?
एफएओ का लक्ष्य लोगों को नियमित रूप से अच्छी गुणवत्ता वाले भोजन प्रदान करना है ताकि उन्हें सक्रिय और स्वस्थ रखा जा सके। एफएओ का मिशन पोषण के स्तर को बढ़ाना, ग्रामीण आबादी के जीवन में सुधार करना और विश्व अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान करना है। एफएओ के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध हैं। बिनय रंजन सेन, प्रशासनिक सेवा अधिकारी, भारत ने 1956 से 1967 तक FAO के महानिदेशक के रूप में कार्य किया। विश्व खाद्य कार्यक्रम उनके कार्यकाल के दौरान स्थापित किया गया था।
WFR ने 2020 का नोबेल शांति पुरस्कार जीता है। संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम को हाल ही में वैश्विक स्तर पर भूख और खाद्य सुरक्षा से लड़ने के अपने प्रयासों की मान्यता में घोषित किया गया था।

