Country

मोदी के लापता ब्रान्ड एम्बेसडर

पांच बरस पूर्व जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था तो देश के कई दिग्गज धर्म गुरु और भाजपा के पुराने चावल उनके समर्थन में मैदान में उतर आए थे। योग गुरु रामदेव और धर्म गुरु श्रीश्री रविशंकर ने तो खुलकर मोदी का यशोगान करना शुरू कर दिया था। रामदेव अपने हर योग, योग शिविर में मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही विदेशों में जमा खरबों का कालाधन तुरंत वापसी का कुछ यूं भरोसा दिलाते थे कि जनता योग कलाएं भूल तालियां बजाने में मशगूल हो जाती थी। इन चुनावों में मोदी के ये पिछले ब्रान्ड एम्बेसडर लापता हैं। रामदेव अब स्वयं को राजनीति से दूर एक विशुद्ध योग गुरु बताने लगे हैं। सच तो यह है कि वे अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं कि ऊँट किस करवट बैठेगा। रविशंकर भी काफी अर्सा हुआ भाजपा संग दूरी बढ़ाते दिखने लगे थे। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या मामले में मध्यस्थता के बहाने वे पूरी तरह अंडर ग्राउंड हो चले हैं। 2014 के आम चुनाव में तो रामदेव ने अपने कई करीबियों को न केवल भाजपा का टिकट दिलाया था। बल्कि उनका खुलकर प्रचार भी किया था। दूसरी तरफ कुछ पुराने भाजपाई मोदी-शाह की कार्यशैली से इस कदर खफा हुए कि पार्टी को छोड़ विपक्ष में जा मिले हैं। इनमें अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा आदि शामिल हैं। पार्टी के स्टार प्रचारक शत्रुघ्न सिन्हा का भी मोदी प्रेम घोर विरोध में बदल चुका है। बदलते हालात को भांपते हुए प्रधानमंत्री मोदी भी नई चुनावी रणनीति के सहारे चुनावी समर में उतर चुके हैं। राहुल गांधी के नारे ‘चौकीदार चोर है’ की काट के तौर पर मोदी ने ‘मैं भी चौकादार’ स्लोगन का सहारा लिया तो है लेकिन सुमित्रा महाजन सरीखे कई दिग्गज भाजपाई इस नारे को स्वीकारने से हिचकिचाते नजर आ रहे हैं। सुब्रमण्यम स्वामी ने तो खुलकर ऐलान कर डाला है कि वे चौकीदार बनने नहीं जा रहे। कुल मिलाकर इस बार मोदी मैजिक खास चलता न देख उनके पिछले ब्रांड एम्बेसडर अब भूमिगत होने में ही अपना फायदा देख रहे हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

You may also like

MERA DDDD DDD DD