तीस नवंबर की सुबह हरिद्वार जनपद के लालढांग इलाके में उस समय सनसनी फैल गई जब भाजपा नेता जसविंदर सिंह उर्फ जस्सी का संदिग्ध हालत में शव बरामद हुआ। डेडबॉडी की हालत को देखकर लग नहीं रहा था कि जस्सी की मौत हुई है। लेकिन बावजूद इसके पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से पहले ही जिस तरह से आनन-फानन में पुलिस ने उसकी मौत दशाई है वह सवालों के घेरे में है। जस्सी की मौत नहीं बल्कि हत्या भी हो सकती है। कारण उसका लगातार खनन माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोलना रहा। एक स्थानीय भाजपा नेता का उसने न केवल रिवर राफ्टिंग के नाम पर अवैध खनन बंद कराया, बल्कि वह एनजीटी तक अपने प्रतिरोध की आवाज बुलंद कर चुका था। चर्चा है कि इसी परिणिति में जसविंदर सिंह उर्फ जस्सी की हत्या की गई
हरिद्वार जनपद का श्यामपुर थाना क्षेत्र शुरू से ही अवैध खनन को लेकर चर्चाआंे में रहा है। इस बार यह क्षेत्र एक भाजपा कार्यकर्ता व अवैध खनन में शामिल खनन माफिया के खिलाफ मुखर होकर लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ने वाले जसविंदर सिंह उर्फ जस्सी का संदिग्ध परिस्थितियों में लालढांग-गेंड़ीखता मार्ग पर शव मिलने से चर्चाआंे में है। क्योंकि जसविंदर उच्च न्यायालय नैनीताल ही नहीं एनजीटी तक में अवैध खनन के विरुद्ध संघर्ष कर खनन माफियाओं के सिर का दर्द बना हुआ था। यही कारण था कि कभी भाजपा नेताओं का नजदीकी रहा जसविंदर देखते ही देखते उन्हीं नेताआंे के आंखों की किरकिरी बन चुका था। जानकारी के अनुसार जसविंदर उर्फ जस्सी का शव 30 नवंबर 2023 की सुबह लालढांग स्थित गुरुद्वारे के निकट नाले में ऐसी हालत में मिला जिसको दुर्घटना कहना तो संभव नजर नहीं आता। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जसविंदर की लाश सूखे बरसाती नाले में नीचे पड़ी हुई थी तो उसके ऊपर जसविंदर की बाईक पड़ी हुई थी। जानकारी के अनुसार जसविंदर 29 नवंबर की रात से लापता था। जसविंदर का शव मिलने के बाद आश्चर्यजनक रूप से श्यामपुर पुलिस कार्यवाही करने के बजाय मामले की लीपापोती में जुट गई। पुलिस का स्वभाव देख मृतक जसविंदर के परिजनों ने एक बार को पुलिस को लिखकर ही दे दिया कि वह कोई कानूनी कार्यवाही नहीं चाहते। वह तो जसविंदर के सुसराल पक्ष के मौके पर पहुुंचने के बाद हुए हंगामे का असर था कि पुलिस को जसविंदर के शव का पोस्टमार्टम कराना पड़ा।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जसविंदर की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में उसके सिर में गंभीर चोट लगी होने की पुष्टि हुई है। यह अलग बात है कि घटना को एक सप्ताह बीतने के बावजूद भी जसविंदर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस तक नहीं पहुंच पाई है। जबकि अमूमन 72 घंटे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को प्राप्त हो जाती है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने न आना गंभीर सवाल खड़े कर रही है। दबी जुबान में ग्रामीणों ने बताया कि मृतक जसविंदर का अवैध खनन को लेकर स्थानीय निवासी व भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष आलोक द्विवेदी के साथ विवाद चल रहा था। पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरांनद के धामी मंत्रिमंडल में रहते उनके खास चहेते रहे हैं भाजपा नेता आलोक द्विवेदी। जिनके पक्ष में तमाम नियम कायदे-कानूनों को ताक पर रखकर रिवर राफ्टिंग के नाम पर वन क्षेत्र में खनन की अनुमति दे दी गई थी जिसके विरुद्ध जसविंदर ने उच्च न्यायालय नैनीताल में याचिका दायर कर रिवर राफ्टिंग के नाम पर चल रहा खनन कार्य बंद करा दिया था। लोगों का कहना है कि इसी वजह से आलोक द्विवेदी जसविंदर को अपना दुश्मन मानने लगा था। आलोक द्विवेदी ने जसविंदर के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराने के लिए स्थानीय न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसको न्यायालय ने खारिज कर दिया था। स्वभाव से हट्टी जसविंदर भाजपा नेताओं के तमाम तरह के दबाव को दरकिनार कर अवैध खनन के विरुद्ध आवाज उठाता रहा। भले ही जसविंदर खनन कारोबार से स्वयं जुड़ा रहा हो लेकिन वह भाजपा नेताओं द्वारा क्षेत्र में किए जाने वाले अवैध खनन के विरुद्ध लगातार संघर्षशील था।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नई दिल्ली में मूल आवेदन क्रमांक संख्या 172/2022 के माध्यम से जसविंदर ने एनजीटी में भी अवैध खनन के विरुद्ध आवाज उठाई थी जिसमें जसविंदर ने आरोप लगाया था कि रसूलपुर मीठीबैरी जिला हरिद्वार में स्थित निजी आरक्षित वन भूमि में भारी मशीनरी का उपयोग करके अवैध खनन किया जा रहा है। जिस पर सुनवाई करते हुए एनजीटी की डबल बेंच ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था कि क्या विचाराधीन खनन स्थल आरक्षित वन क्षेत्र में आता है या नहीं। साथ ही रिवर राफ्टिंग के नाम पर खनन कार्य की अनुमति प्राप्त कर खनन कार्य करने वाले भाजपा नेता आलोक द्विवेदी के ऊपर पर्यावरण विभाग द्वारा जुर्माना लगाया गया था। पर्यावरण विभाग ने सवाल किया था कि अगर जुर्माना लगाया गया था तो क्या मुआवजे के खिलाफ कोई अपील दायर की गई थी की नहीं? बताया जाता है कि एनजीटी के इन सवालों को लेकर भाजपा नेता आलोक द्विवेदी जसविंदर से काफी नाराज चल रहा था। बहरहाल ऐसे ही कुछ प्रकरण हैं जिन पर यह मामला संदिग्ध प्रतीत होता है। एनजीटी और उच्च न्यायालय में अवैध खनन के विरुद्ध लम्बा संघर्ष करने वाले जसविंदर सिंह उर्फ जस्सी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। क्षेत्र में जसविंदर की मौत को लेकर ग्रामीणों में सुगबुगाहट का दौर जारी है। खुलकर भले ही कोई नहीं बात करना चाहता लेकिन रहस्मय परिस्थितियों में हुई जसविंदर की मौत खुद ही चीख-चीखकर बयान कर रही है कि इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है? क्योंकि जसविंदर उस काले कारोबार के विरुद्ध अकेला योद्धा की तरह लड़ाई कर रहा था जिस कारोबार में प्रदेश के सफेदपोश नेताओं की एक लम्बी जमात शामिल है। लोगों के दिमाग में एक सवाल और कौंध रहा है कि जिस प्रकार जस्सी की मौत के बाद भाजपा नेताओं ने उसकी अंत्येष्टी में जाने से भी गुरेज किया उससे मामला और भी संदेहास्पद लग रहा है।
जसविंदर की मृत्यु की खबर सुनकर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी जिसको भी मौत की खबर मिली एक-एक कर जसविंदर के अंतिम संस्कार में पहुंच गया। लेकिन काफी लम्बे समय से भाजपा से जुड़े होने के बावजूद भी कोई भी स्थानीय नेता उसके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ जिसको लेकर भी क्षेत्र में चर्चाएं व्याप्त हैं। आखिर क्या कारण रहे होंगे जो किसी नेता ने जसविंदर के अंतिम संस्कार में जाने से परहेज किया? शायद ही जसविंदर की मौत का सच सामने आ सके। लेकिन फिलहाल जस्सी की मौत दुर्घटना या हत्या जैसे अनसुलझे सवालों में दबकर रह गई है। न तो घर वाले कुछ बता पा रहे हैं, न ही जस्सी की मौत को लेकर पुलिस के पास कोई स्पष्ट जवाब मौजूद है। श्यामपुर थानाध्यक्ष नितेश शर्मा जस्सी की मौत को दुर्घटना बता रहे हैं वह कहते हैं कि जस्सी की मौत एक दुर्घटना है। हालांकि इसको लेकर थानाध्यक्ष नितेश शर्मा के पास भी कोई स्पष्ट साक्ष्य नजर नहीं आता जिससे जस्सी की मौत को दुर्घटना सबित किया जा सके।
आलोक ने लगाया था अवैध उगाही का आरोप
भाजपा नेता आलोक द्विवेदी ने वर्ष 2021 में जसविंदर सिंह उर्फ जस्सी पर अवैध उगाही का आरोप लगाते हुए अदालत में अपील की थी और कहा था कि उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए। लेकिन हरिद्वार के सिविल जज अमित कुमार ने 13 जनवरी 2022 को यह कहते हुए आलोक द्विवेदी की अपील खारिज कर दी थी कि वह मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर जसविंदर सिंह जस्सी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराना चाहता है जो तथ्यों और सबूतों से परे है। आलोक द्विवेदी ने न्यायालय में अपील करते हुए प्रत्यावेदन दिया लिखा कि उसने उत्तराखण्ड सरकार से नियमानुसार विधिक प्रक्रिया के अंतर्गत रिवर टेªनिंग हेतु ग्राम रसूलपुर मीठीबेरी में आरबीएम निकासी हेतु आबंटन पट्टा प्राप्त किया हुआ है। जिसकी बढ़ी हुई अवधि दिनांक 25 दिसंबर 2021 तक है। परंतु ग्राम समसपुर कटेवड पोस्ट लालढांग, थाना श्यामपुर, जिला हरिद्वार का निवासी जसविंदर सिंह पुत्र लक्खा सिंह जो कि बहुत ही चालाक एवं गुण्डा प्रवृत्ति का व्यक्ति है, उसने प्रार्थी को डरा-धमका कर कि वह प्रार्थी के विरूद्ध शासन-प्रशासन में झूठी शिकायत करेगा, यदि प्रार्थी उसे 2 लाख रूपए नहीं देगा तो वह प्रार्थी का अपहरण करा लेगा और प्रार्थी को जान से मरवाकर नहर में कहीं फिकवा देगा।
प्रार्थी को उक्त जसविंदर सिंह से जान का खतरा होने के कारण प्रार्थी डर गया और इसी डर से प्रार्थी ने उपरोक्त जसविंदर को दिनांक 18 अक्टूबर 2021 को 56,666 रुपए चेक द्वारा दिए गए, जिसकी उसके द्वारा निकासी कर ली गई और उसके उपरांत दिनांक 26 अक्टूबर 2021 को बकाया रूपए जसविंदर की मांग के अनुसार उसको दे दिये गये। परंतु इसके उपरांत जसविंदर का लालच और बढ़ गया और वह प्रार्थी से 5 लाख रूपए फिरौती के रूप में और मांग कर रहा है और पैसा न देने पर घर से उठाकर जान से मारने की धमकी दी। महोदय प्रार्थी उक्त जसविंदर की धमकी से बहुत डरा है तथा प्रार्थी को जान का खतरा है प्रार्थी ने दिनांक 01 दिसंबर 2021 को एक शिकातय श्रीमान थानाध्यक्ष महोदय थाना श्यामपुर हरिद्वार में दी, लेकिन प्रार्थी की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई तथा दिनांक 14 दिसंबर 2021 को एक प्रार्थना पत्र श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय हरिद्वार को रजिस्टर्ड डाक प्रेषित किया। किंतु उस पर भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिस कारण माननीय न्यायालय के समक्ष उक्त प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर रहा हूं।
बात अपनी-अपनी
मामला संज्ञान में नहीं है। मेरी ड्यूटी वीआईपी प्रोग्राम देहरादून में लगी हुई है। ड्यूटी के बाद जानकारी कर लेता हूं, बिना जानकारी के मैं कुछ नहीं कह पाऊंगा।
अजय गणपति, पुलिस अधीक्षक अपराध, हरिद्वार
जसविंदर सिंह की रोड एक्सीडेंट में मौत हुई है। मृतक ने ड्रिंक की हुई थी। एक्सीडेंट के दौरान ही उसके सिर और नाक पर चोट आई है। परिजनों ने भी लिखित रूप में कोई कार्रवाई न चाहने की बात कही है।
नितेश शर्मा, थानाध्यक्ष श्यामपुर
अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। दरअसल रात करीब 07ः50 से 08ः30 बजे के बीच घटना हुई है। लोकल में ही काम से गए थे। उनका एक व्यक्ति से विवाद था। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्रवाई कर पाएंगे। डॉक्टर ने सिर और नाक पर चोट बताई है। आप मुझसे तेरहवीं के बाद बात करिएगा, उसके बाद ही मैं आपको बता सकता हूं।
बलविंदर सिंह, मृतक जसविन्दर का भाई