जन आंदोलन की राह से सत्ता तक पहुंचे आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल अब खांटी राजनेता में बदल चुके हैं। इसका सीधा अर्थ यह कि अब उन्हें ना तो कांग्रेस से परहेज है, ना ही अन्य किसी ऐसे राजनेता या पार्टी से जिसकी छवि दागदार हो। केजरीवाल का लक्ष्य अब अपनी पार्टी को राष्ट्रीय दल में परिवर्तित करना भर है। इसके लिए वे हर प्रकार के समझौते करने को तैयार नजर आ रहे हैं। २०१९ में दिल्ली की बात लोकसभा सीटों पर इसी समीकरण के चलते वे कांग्रेस संग जुगलबंदी के प्रयासों में जुट गए हैं। हालांकि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ऐसा किसी भी संभावना से साफ इकार कर रहे हैं। लेकिन चर्चा जोरों पर है कि आप ने कांग्रेस को नई दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और चांदनी चौक लोकसभा सीट ऑफर की है। खबर यह भी है कि पूर्वी दिल्ली से आप की उम्मीदवार आतिशी मारसेना होंगी तो उत्तर पश्चिमी सीट से आशीष खेतान मैदान में उतारेंगे। यदि कांग्रेस संग तालमेल नहीं होता है तो नई दिल्ली संसदीय सीट से राद्घव चड्ढा चुनाव लड़ सकते हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ नेता आशुतोष को इस बार पार्टी चुनाव मैदान में नहीं उतारने जा रही है।