कभी अन्नाद्रमुक की सर्वेसर्वा रहीं वीके शशिकला एक बार फिर से तमिलनाडु की राजनीति में अपनी एंट्री के लिए हाथ-पांव मारने लगी हैं। जिस पार्टी को शशिकला ने जयललिता के साथ मिलकर दशकों तक चलाया उसी पार्टी ने जयललिता की मृत्यु बाद उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। हालांकि जयललिता की मृत्यु के बाद पार्टी ने उन्हें ही अपना नया नेता चुना। लेकिन भ्रष्टाचार के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी सिद्ध पाए जाने के बाद अन्नाद्रमुक के नेताओं ने उनसे पल्ला झाड़ने में देर नहीं लगाई। 5 दिसंबर 2017 को मुख्यमंत्री रहते जयललिता की मृत्यु के बाद पार्टी ने उन्हें अगला सीएम घोषित कर दिया था।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट से चार बरस के कारावास की सजा के चलते वे वे सीएम बनने से चूक गईं। उन्होंने अपने विश्वस्त पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री बना डाला। मुख्यमंत्री बनने के साथ ही पलानीस्वामी ने शशिकला को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता, को चरितार्थ करने में देर नहीं लगाई। अब अगले माह शशिकला जेल से सजा पूरी करने के बाद रिहा हो जाएंगी। भाजपा और अन्नाद्रमुक का एक खेमा उनकी पार्टी में वापसी का इच्छुक बताया जा रहा है। दरअसल, शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरण का तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में खासा प्रभाव है। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि शशिकला और दिनाकरण की अन्नाद्रमुक में वापसी से इस इलाके में द्रमुक-भाजपा गठबंधन को फायदा हो सकता है। दूसरी तरफ सीएम पलानीस्वामी जानते हैं कि उनकी बेवफाई को शशिकला माफ नहीं करेंगी। इसलिए वे किसी भी सूरत में इसके लिए तैयार नहीं हैं।
Chief Minister of Tamil Nadu, Shri E K Palaniswami called on Union Home Minister Shri @AmitShah. pic.twitter.com/iPeQtiJOi4
— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) January 18, 2021
खबर है कि 19 जनवरी को इस मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर उन्होंने दो टूक शब्दों में भाजपा को बता दिया है कि न तो अन्नाद्रमुक में शशिकला को वापस लिया जाएगा, न ही उनके साथ किसी अन्य प्रकार का कोई समझौता किया जाएगा।