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खतरे में दिग्गजों का राजनीति भविष्य

आमचुनाव में बीजेपी का खराब प्रदर्शन सीटों के लिहाज से पांचवें स्थान का राज्य राजस्थान में भी देखने को मिला है। ऐसे में प्रदेश की राजनीति में चर्चा गर्म है कि कई दिग्गज नेताओं का राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ सकता है। असल में पार्टी आलाकमान ने इन नेताओं के कहने पर टिकट बांटे थे लेकिन उम्मीदों के मुताबिक नतीजे नहीं आए। जैसे चुरु से राहुल कस्वा का टिकट काटकर देवेंद्र झाझड़िया को टिकट दिया गया और पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। इस ही प्रकार श्रीगंगानगर से निहाल चंद मेघवाल का टिकट काटने से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे कई उम्मीदवार हैं जिनका टिकट काटा गया और पार्टी को वहां हार मिली। सियासी जानकारों की मानें तो पहले विधानसभा और अब लोकसभा में खराब प्रदर्शन के बाद राजेंद्र सिंह राठौड़ सहित कई नेताओं के राजनीतिक भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है। राठौर खुद विधानसभा चुनाव 2023 में हारे थे और अब लोकसभा में भी चुरू से हार गए। चुरू से भाजपा से बागी रहे सांसद राहुल कस्वा टिकट काटने के लिए सीधे तौर पर राठौड़ को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि राजस्थान भाजपा के दिग्गज नेता राजेंद्र सिंह राठौड़, सतीश पूनिया और वसुंधरा राजे सिंधिया के राजनीतिक भविष्य को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। इतना ही नहीं पार्टी में इनकी क्या भूमिका होगी इसको लेकर आशंकाएं जताई जा रही हैं। खासकर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की चुप्पी ने भाजपा के नेताओं की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि पहले यह माना जा रहा था कि वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह को मोदी कैबिनेट में शामिल किया जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे राजस्थान छोड़ना नहीं चाहती हैं और उन्होंने केंद्र में आने से साफ इनकार कर दिया है। इसी तरह राजस्थान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को भी हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी आलाकमान ने पूनिया को हरियाणा का प्रभारी बनाया था लेकिन वहां भी भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक की रहा। हरियाणा में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सतीश पूनिया की असली परीक्षा होगी।

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