लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर भारत -चीन दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव के बाद भारत में चीन विरोधी माहौल गर्म है। चार दशक से ज्यादा समय में पहली बार भारत चीन सीमा पर हुई हिंसा में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद से चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग की जा रही है। इस बीच इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)2020 के 13वें सीजन का आयोजन इस साल यूएई में 19 सितंबर से 10 नवंबर तक होना है। गवर्निंग काउंसिल की कल 2 अगस्त रविवार को हुई बैठक में इस पर मुहर लग गई है। बीसीसीआई को भारत सरकार से भी मजूंरी मिल चुकी है लेकिन आईपीएल मीटिंग खत्म होने के बाद से ही बीसीसीआई की आलोचना शुरू हो गई है। बॉयकॉट आईपीएल सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है।
दरअसल बैठक में आईपीएल 2020 के आयोजन के साथ ही चीनी कंपनियों के साथ करार को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। मीटिंग से पहले माना जा रहा था कि बीसीसीआई आईपीएल की मुख्य प्रायोजक चीनी कंपनी वीवो को झटका दे सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बीसीसीआई ने चीनी कंपनी के साथ करार बरकरार रखने का फैसला लिया है। वीवो टाइटल आईपीएल का प्रायोजक है जबकि पेटीएम, ड्रीम 11, बाईजूस और स्विगी में चीनी निवेश है।
मौजूदा समय में भारत और चीन के बीच तनाव को देखते हुए यह मुद्दा 10 सूत्री एजेंडे में सबसे अहम था। बीसीसीआई को एक साल में इससे 440 करोड़ रुपये मिलते हैं। चीनी कंपनी के साथ संबंध न तोड़ने के फैसले के बाद से ही बीसीसीआई और सौरव गांगुली सुर्ख़ियों में हैं। फैंस ने बीसीसीआई पर निशाना साधते हुए कहा कि बीसीसीआई शर्म करो। वहीं एक फैन ने कहा कि बीसीसीआई और आईपीएल को अभी भी इस फैसले पर मंथन करना चाहिए। एक फैन ने लिखा कि देश पहले होता है। बीसीसीआई सिर्फ पैसा कमाना चाहता है। सैनिकों को सम्मान दें और आईपीएल का बहिष्कार करें।