यूपी कांग्रेस में अब प्रियंका गांधी को पीएम उम्मीदवार घोषित करके लोकसभा चुनाव लडे़ जाने की चर्चा तेज हो चली है। हालांकि यूपी कांग्रेस के एक बड़े धड़ के बीच हो रही चर्चा को हवा इसलिए नहीं मिल पायी है क्योंकि अभी खुलकर कोई कांग्रेसी नेता सामने नहीं आया है। इस संवाददाता के समक्ष कानाफूसी की जानकारी देने वाले कांग्रेसी नेता ने भरोसा जताने के बाद ही इस बात को स्वीकार किया है कि यूपी कांग्रेस के अधिकतर कार्यकर्ता और पदाधिकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के अपेक्षा प्रियंका गांधी को पीएम उम्मीदवाद घोषित करके चुनाव लड़ना बेहतर मान रहे हैं। इन नेताओं का दावा है कि यदि राहुल गांधी कांग्रेस हित में अपना दावा छोड़कर अपनी बहन प्रियंका को पीएम पद के लिए प्रोजेक्ट करें तो निश्चित तौर पर यूपी की 80 सीटों में से एक चैथाई सीटों पर बिना खास परिश्रम के ही बाजी मारी जा सकती है। यदि कार्यकर्ताओं ने थोड़ी मेहनत कर ली तो कोई आश्चर्य नहीं है कि कांग्रेस को यूपी से आधी सीटें हासिल हो जाएं।
प्रियंका गांधी का पक्ष रखने वाले प्रमाणस्वरूप उनके रोड शो की सफलता से जोड़कर देख रहे हैं। यूपी कांग्रेस के ज्यादातर कार्यकर्ताओं का यही कहना है कि इससे पूर्व उन्होंने इस तरह का जनसैलाब कांग्रेस के पक्ष में उमड़ते कभी नहीं देखा। यदि इसके बावजूद राहुल जी और कांग्रेस के बडे़ नेता यूपी की जनता को समझने में गलती करेंगे तो एक बार फिर से कांग्रेस के हाथ निराशा ही लगने वाली है। यूपी कांग्रेसियों का उतावलापन इतना है कि यदि उन्हें पार्टी से हटाए जाने का भय न हो तो वे प्रियंका गांधी से मुलाकात के दौरान अपना पक्ष रखने को तैयार हैं। इस काम मंे मुश्किल इस बात की है कि आखिर बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे! गौरतलब है कि मौजूदा समय में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी राजधानी लखनऊ में मौजूद हैं और कांग्रेसियों के चेहरों पर छायी खुशी से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि किसी एक कार्यकर्ता ने हिम्मत दिखाकर प्रियंका गांधी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने की मांग रखी तो निश्चित तौर पर सैकड़ों की संख्या में समर्थन करने वालों के हाथ खडे़ हो जायेंगे।