पंजाब की मान सरकार के लिए अभी से कहा जाने लगा है कि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल रिमोट कंट्रोल के जरिए उसे चला रहे हैं। इस आरोप की पुष्टि पिछले दिनों दिल्ली में पंजाब के बिजली विभाग संग केजरीवाल की उस बैठक से होता है जिसमें न तो भगवंत मान शामिल थे, न ही पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह। जानकारों की माने तो इस मीटिंग में पंजाब में मुफ्त बिजली देने की बाबत न केवल चर्चा हुई बल्कि फैसला भी ले लिया गया। यानी पंजाब सरकार का फैसला दिल्ली के सीएम ने अपने स्तर से ही तय कर डाला। जब यह बात मीडिया में लीक हुई तो भगवंत मान बैकफुट पर आ गए। इस तरह की घटना दोबारा सामने न आए इस चलते एक अजब-गजब करार दोनों राज्यों के बीच अब किया गया है। इस करार को ‘नालेज शेयरिंग’ नाम दिया गया है जिसमें दिल्ली सरकार के कामकाज और जनहित के फैसलों को पंजाब संग शेयर किया जाएगा ताकि मान सरकार उन्हें पंजाब में भी लागू कर सके। विपक्षी दलों का आरोप है कि इस करार का उद्देश्य मान सरकार को रिमोट कंट्रोल के जरिए दिल्ली से चलाने का है। कहा-सुना यह भी जा रहा है कि भगवंत मान पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की इस कार्यशैली से खास प्रसन्न नहीं हैं लेकिन उनके पास दिल्ली के आदेश मानने के सिवा कोई विकल्प भी नहीं है।
रिमोट कंट्रोल से चलती पंजाब सरकार
