भाजपा शासनकाल के दौरान एक बात बड़ी हैरतनाक नजर आती है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट्स से लेकर कई महत्वपूर्ण संस्थाओं में नियुक्तियां समय पर नहीं हो रही हैं। हालात इतने खराब हैं कि एक तरफ सुप्रीम कोर्ट काॅलेजियम द्वारा प्रस्तावित नामों को केंद्र सरकार अपनी सहमति नहीं देकर न्यायपालिका की कार्य क्षमता को प्रभावित करती नजर आती है, तो महत्वपूर्ण केंद्रीय सुरक्षा बलों को लेकर भी उसका यही रवैया है। एनआईए के प्रमुख का पद तीन महीनों से खाली है। बाॅर्डर सुरक्षा बल के महानिदेशक का पद राकेश अस्थाना को यकायक ही दिल्ली पुलिस कमिशनर बनाए जाने बाद से खाली पड़ा है। अस्थाना की नियुक्ति भी खासी हैरान करने वाली है। गुजरात कैडर के अति विवादित छवि वाले अस्थाना 31 जुलाई को रिटायर होने वाले थे। उनको रिटायरमेंट डेट से ठीक तीन दिन पहले दिल्ली का पुलिस कमिश्नर बना एक बरस का सेवा विस्तार दे दिया गया। दूसरी तरफ महीनों से रिक्त चल रहे महत्वपूर्ण पदों को नहीं भरा जा रहा है। हालांकि सूत्रों की मानें तो अब जल्द ही ऐसे सभी पदों को भरने की कवायद शुरू हो चली है। गत् सप्ताह केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने 1988 बैच के आईपीएस अफसरों संग मुलाकात की है। कयास लगाए जा रहे हैं कि माह के अंत तक केंद्र सरकार सुरक्षा बलों में खाली चल रहे सभी पदों को भरने जा रही है।
रामभरोसे केंद्रीय सुरक्षा
