लोकसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले सभी दलों का घोषणा पत्र जारी हो चुका है। इन घोषणा पत्रों में बड़े-बड़े दावे किए हैं। खासकर सत्ताधारी पार्टी भाजपा के संकल्प पत्र और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के न्याय पत्र की चर्चा ज्यादा हो रही है। इन दावों और वादों में वे कितने पूरे करेंगे और कितने अधूरे छोड़ देंगे ये तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा, लेकिन कुछ दावे ऐसे हैं जिन पर खास चर्चा हो रही है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र को संकल्प पत्र नाम दिया है तो कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को इस बार न्याय पत्र का नाम दिया है। दोनों दलों ने अलग-अलग मुद्दों पर फोकस किया है। कुछ मुद्दों पर दोनों दलों का खास फोकस है।

एक तरफ बीजेपी ने गरीब, युवा, किसान और महिलाओं पर फोकस करते हुए कई योजनाओं को आगे जारी रखने और बढ़ाने की बात कही है तो कुछ नई योजनाओं को शुरू करने का वादा किया है। इनमें अगले पांच साल तक पीएम गरीब कल्याण मुफ्त अन्न योजना को जारी रखने की बात कही है। यह योजना साल 2020 से चल रही है। इसमें 80 करोड़ से अधिक परिवारों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है जो अगले पांच वर्षों तक मिलता रहेगा। वहीं देशभर के 70 साल या इससे अधिक उम्र वालों का भी आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। नई बात यह है कि इस योजना के दायरे में ट्रांसजेंडरों को भी लाया जाएगा। इसके साथ पांच लाख का मुफ्त इलाज मिलता रहेगा। पार्टी ने जन औषधि केंद्रों के विस्तार की बात कही है और कहा है कि दवाओं पर अब 80 फीसदी की छूट दी जाएगी।
इसके अलावा पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से हर महीने सोलर पैनल से मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने की योजना जारी रहेगी। देश में डेयरी सहकारिता समिति की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। इस पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में बड़ा काम शुरू करने की बात कही थी। पार्टी ने देश भर में एक करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाया है, आगे तीन करोड़ बहनों को और बनाया जाएगा। पार्टी ने गरीबों को तीन करोड़ पक्के मकान बनाकर देने का भी वादा किया है।

दूसरी तरफ कांग्रेस ने पांच न्याय ‘हिस्सेदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’ और ‘युवा न्याय’ की बात कही है। पार्टी ने ‘युवा न्याय’ के तहत जिन पांच गारंटी की बात की है उनमें 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं को एक साल के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपए देने का वादा शामिल है। ‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत जाति जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की ‘गारंटी’ दी है। ‘किसान न्याय’ के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (इएमएसपी) को कानूनी दर्जा, कर्ज माफी आयोग के गठन तथा जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया है। कांग्रेस ने ‘श्रमिक न्याय’ के तहत मजदूरों को स्वास्थ्य का अधिकार देने, न्यूनतम मजूदरी 400 रुपए प्रतिदिन सुनिश्चित करने और शहरी रोजगार गारंटी का वादा किया है। ‘नारी न्याय’ के अंतर्गत ‘महालक्ष्मी’ गारंटी के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को एक-एक लाख रुपए प्रति वर्ष देने समेत कई वादे किए हैं। कांग्रेस ने कहा है कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 को खत्म कर देगी। इसके अलावा वह जीएसटी से तमाम चीजें बाहर कर देगी और नागरिकता संशोधन कानून को लागू नहीं होने देगी। हालांकि बीजेपी के लिए ये तीनों कानून बहुत खास हैं और इसको और बढ़ाने पर जोर देती रही है।

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