आपको सुनकर यकीन नहीं होगा लेकिन यह सच है की 23 मई को जब उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव परिणाम जारी हो रहे थे तो इस बीच सपा – बसपा गठबंधन का एक प्रत्याशी ऐसा भी था जो लोकसभा का चुनाव तो जीत गया लेकिन अपनी जीत के प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने तक उपस्थित नहीं हो पाया । कारण वह पिछले एक सप्ताह से वह पुलिस से छुपता छुपाता घुम रहा है । ऐसे में जब वह लापता था था तब भी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने उसकी अनुपस्थिति में उसका प्रचार किया और रैली को भी संबोधित किया था । आपको यकीन नहीं होगा कि दोनों पूर्व मुख्यमंत्री रैली में आई भीड़ को यह सफाई देते रहे कि हमारा प्रत्याशी साफ-सुथरा है । लेकिन इसी साफ-सुथरे प्रत्याशी पर पिछले दिनों एक कालेज की पूर्व छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है । इससे बचने के लिए आरोपी न्यायालय की शरण में भी जा चुका है । लेकिन वहा से भी उसे कोई राहत नही मिली । उल्टा न्यायालय ने उसके गैर जमानती वारंट जारी कर दिए । फिलहाल नवनिर्वाचित सांसद भगौडा साबित हो चुके हैं वह भूमिगत है और उत्तर प्रदेश के 7 थानों की पुलिस उसे ढूंढ रही है । जी हां, यहां बात हो रही है उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी लोकसभा सीट से एसपी-बीएसपी गठबंधन से नवनिर्वाचित सांसद अतुल राय की।
राय घोसी सीट से सपा – बसपा के टिकट पर चुनाव लडे और जीत चुके है । अतुल राय के खिलाफ वाराणसी के लंका थाने में यूपी कॉलेज की एक पूर्व छात्रा की तहरीर पर दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में मुकदमा होने के बाद न्यायिक मैजिस्ट्रेट (प्रथम) आशुतोष तिवारी की कोर्ट ने गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वॉरंट जारी किया है।
दुष्कर्म के मामले में अतुल राय की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अतुल राय को गिरफ्तार करने के लिए तीन थानों की टीमें गाजीपुर तथा मऊ भेजी गई हैं। पुलिस टीमों ने अतुल राय के कई ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन फिलहाल उसका सुराग नहीं लग सका है। माना जा रहा है कि वह हरियाणा में कहीं छिपा हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक पुलिस अतुल के करीबियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में है। अतुल राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता गाजीपुर की रहने वाली है। उसने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया है कि पत्नी से मिलाने के बहाने लंका के अपने फ्लैट में बुलाकर अतुल ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
लड़की ने आरोप लगाया है कि सीसीटीवी कैमरों से बनाए विडियो वायरल करने की धमकी देकर अतुल राय उसका लगतार यौन शोषण करता रहा। पीड़िता का आरोप है कि अतुल राय ने उसे परिवार सहित जान से मारने की धमकी भी दी।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 18 मई को अतुल राय को दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार न करने की याचिका पर रोक लगा दी थी । अतुल राय के खिलाफ 16 मई को ही उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह के आदेश पर वाराणसी के लंका थाने में मामला दर्ज किया गया था।
मामला दर्ज होने के बाद अतुल राय ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन हाईकोर्ट से भी उसे राहत नहीं मिली है। सरकार का पक्ष रखते हुए शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्रा ने बहस की। जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एससी गुप्ता की खंडपीठ ने अतुल राय की याचिका खारिज कर दी।
पीडित युवती अपने खिलाफ हुई ज्यादती की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए दर बदर होती रही । लेकिन स्थानीय पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज नही की । आखिर में तंग आकर उसने डीजीपी को पत्र लिखा था । जिसमें उसने कहा था कि अतुल राय घोसी लोकसभा का सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी राम बनकर घूम रहा हैं, असल में वो रावण है। देश की सबसे पवित्र कुर्सी के लिए लड़ रहा है, इसका खुलासा होना जरूरी है। युवती ने अपने साथ हुई ज्यादती, दुष्कर्म और छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए। युवती ने फेसबुक पर भी वीडियो पोस्ट कर मदद की गुहार लगायी थी । युवती का यह भी कहना है कि अतुल राय ने उसकी मां और छोटे भाई को किडनैप कर लिया। साथ ही वीडियो को डिलीट करने की धमकी दी। ऐसा न करने पर जान से मारने की भी धमकी दी।
पीडित युवती के अनुसार 2015 से वह बनारस में यूपी कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी। कॉलेज के छात्रसंघ चुनाव के दौरान गाजीपुर के अतुल राय से उसकी मुलाकात हुई थी। मार्च 2018 में वह अपनी पत्नी से मिलवाने के नाम पर लंका थाना स्थित एक फ्लैट में ले गया था। जहा रात में उसने बंदूक धारियों के दम पर उसके साथ ज्यादती की। पीडिता के पिता की मौत हो चुकी है।
घोसी से गठबंधन के नवनिर्वाचित सांसद अतुल राय पूर्वांचल के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के करीबी बताए जाते हैं। भाजपा ने अतुल राय के सामने हरिनारायण राजभर को टिकट दिया था । हरिनारायण ने 2014 में यहां से भाजपा का खाता खोला था। लेकिन इस बार के चुनावों में अतुल राय ने भाजपा के प्रत्याशी रहे हरिनारायण को सवा लाख वोटो से भी ज्यादा अंतर से हरा दिया । अतुल राय 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में गाजीपुर की जमनिया सीट से बसपा के प्रत्याशी भी रहे थे।
फिलहाल इस मामले को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि नवनिर्वाचित सांसद अपने आप को बचाने के लिए बड़े-बड़े नेताओं के दर पर भटक रहा है । लेकिन क्योंकि उत्तर प्रदेश में सरकार भाजपा की है जहां से उम्मीद लगती नहीं की नवनियुक्त सांसद को कोई राहत मिल जाए । इसी बीच चर्चा इस बात को लेकर भी है की नवनिर्वाचित सांसद के गुर्गे पीड़िता को मैनेज करने के लिए साम दाम दंड भेद की नीति अपना रहे है । वहीं दूसरी तरफ नवनियुक्त सांसद अतुल राय को लेकर बसपा सुप्रीमो की चिंता यह है कि वह अपने एमपी को शपथ ग्रहण समारोह में कैसे बुला पाएंगी ? अगर मायावती अतुल राय को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाती है तो उसकी गिरफ्तारी तय है।