Country

सत्र में शामिल हुए शिवपाल,योगी प्रेम मे विधायकी गवाना मंजूर

 

एक पखवाडा पहले प्रेस कांफ्रेंस के दौरान शिवपाल यादव द्वारा परिवार में एकता की गुंजाइश की कही बात को लेकर पूछे सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा था कि हमारे परिवार में परिवारवाद नहीं है, लोकतंत्र है. जो अपनी विचारधारा से चलना चाहे, वो वैसे चले । अखिलेश ने ये भी कहा कि जो आना चाहे, हम उसे अपनी पार्टी में शामिल कर लेंगे, आंख बंद कर के । अखिलेश यादव के इस बयान को संकेत माना जा था रहा था कि शिवपाल यादव अगर सपा में आते हैं तो उनके लिए भी पार्टी के दरवाजे खुले हैं । लेकिन आज सपा के यह द्वार शिवपाल यादव के लिए उस समय बंद हो गए जब वह योगी सरकार के विधानसभा में सपा के व्हिप जारी होने के बाद भी शामिल हों गए।

उत्तर प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र पिछले चौबीस घंटे से जारी है। आज अचानक प्रगतिशील समाजवादी के अध्यक्ष व समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव विधानसभा सत्र में शामिल होने पहुंचे। बतौर सपा विधायक के रूप में शिवपाल सिंह यादव शामिल हुए। पार्टी लाईन से विपरीत शिवपाल सिंह पहुंचे। विधानसभा के विशेष सत्र के बहिष्कार का समाजवादी पार्टी ने ऐलान किया था लेकिन शिवपाल के सत्र में शामिल होने से सपा का बहिष्कार टूट गया। जसवन्तनगर विधान सभा क्षेत्र से सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव ने सपा के बहिष्कार की घोषणा के बाद सदन पहुंचे है। इसके बाद सपा की राजनीति में हलचल पैदा हो गयी है।

सदन में शिवपाल यादव ने सरकार और मुख्यमंत्री की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ अच्छे काम किये हैं, लेकिन इसके साथ ही ख़राब कानून-व्यवस्था का भी जिक्र होना चाहिए। शिवपाल यादव ने सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रदेश का नेतृत्व ईमानदार मुख्यमंत्री के हाथों में है। मुख्यमंत्री मेहनती हैं। लेकिन पुलिस संवेदनशील नहीं है, अभी पुलिस को कसने की ज़रूरत है।

इस बीच विपक्षी दलों के कुछ ऐसे भी विधायक भी रहे, जिन्होंने पार्टी लाइन छोड़ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया। इनमें कांग्रेस की अदिति सिंह, बसपा के अनिल सिंह और सपा के नितिन अग्रवाल के नाम शामिल हैं। इसी सूची में अब एक और नाम आज शामिल हो गया। बसपा विधायक असलम रायनी भी विधानसभा पहुंचे और कार्यवाही में शामिल हुए।

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष दल विरोधी कानून के तहत उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए 4 सितंबर को याचिका दी थी। सपा की इस याचिका पर आखिरी फैसला विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित को लेना है। शिवपाल यादव ने सपा में अखिलेश यादव से मनमुटाव के बाद अलग पार्टी बना ली है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में भी प्रत्याशी खड़े किए। हालांकि पार्टी को कोई जीत नहीं मिली और खुद शिवपाल यादव फिरोजाबाद से हार गए, लेकिन कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी की हार के पीछे शिवपाल यादव की भूमिका को अहम माना जा रहा है।

आज राम गोविंद चौधरी ने कहा था कि उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर यह कदम उठाया है । उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है । उन्होंने कहा कि शिवपाल के घर वापसी की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने समानांतर राजनीतिक दल बना लिया और अपना अलग कार्यक्रम चलाने लगे. उन्होंने इस्तीफा भी नहीं दिया है। ऐसे में अर्जी देकर उनकी सदस्यता समाप्त करने का अनुरोध करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रह गया था।

उधर आज जसवंत नगर सीट से सपा विधायक शिवपाल ने विधानसभा के विशेष सत्र में अपने संबोधन के बाद संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा कि सपा आखिर क्यों उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की याचिका वापस लेने की बात कर रही है। शिवपाल सिंह यादव ने आज संकेत दिया कि वह विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित करने की याचिका वापस लेने के संबंध में सपा द्वारा की गई पेशकश को मंजूर नहीं करेंगे। उनके इस बयान के बाद समझा जा रहा है कि अब चाचा भतीजा के एक होने और शिवपाल की घर वापसी के रास्ते बंद हो चुके है। ऐसे में अब समाजवादी पार्टी ने कडा निर्णय लेने का मन बना लिया है। जिसके तहत शिवपाल की विधानसभा सदस्यता खत्म होनी तय है।

You may also like

MERA DDDD DDD DD