वर्ष १९५९ में गुरुदत्त की फिल्म ‘कागज के फूल’ आई थी। इसमें गुरुदत्त ने एक कामयाब फिल्म निर्देशक की भूमिका अदा की है। मगर जब वे कामयाबी से गिरे तो फिर कोई उसकी खोज-खबर लेने तक नहीं आया। फिल्म के अंत में वह एक गुमनाम मौत मर गए। यह सीन बेशक फिल्मी पर्दे पर है मगर कई बार यह रियल लाइफ में भी होता है। पर्दे पर अपने अभिनय से ऐसे सीन को जीवंत बनाने वाले सितारे भी इससे अछूते नहीं हैं। कई सितारे अपने जमाने में सुपर स्टार रहे। कभी ये सितारे लाखों- करोड़ों के दिलों पर राज किया करते थे। इनकी एक झलक पाने के लिए फैन्स दिन-रात एक कर देते थे। पर हालात ऐसे बदलते हैं कि जीवन के अंतिम समय में गुमनामी की जिंदगी जीते हैं। कई को तो परिवार वाले भी भुला देते हैं। उन्हें अकेले जीवन गुजारने को छोड़ देते हैं। यहां ऐसे ही सितारों की बात करेंगे जिनको जिंदगी के आखिरी पड़ाव पर उनको परिवार ने त्याग दिया और वे मुफलिसी के शिकार होकर इस दुनिया को छोड़ गए। गीता कपूर : सुपर हिट क्लासिक फिल्म ‘पाकिजा’ में राजकुमार की दूसरी पत्नी की भूमिका से गीता कपूर ने खूब वाहवाही लूटी। ऐसे इन्होंने सौ से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया। पिछले सप्ताह ही इनका देहांत हो गया। प्रोड्यूसर अशोक पंडित के अनुसार, ‘गीताजी को हमने स्वस्थ करने की काफी कोशिश की मगर आज सुबह जिंदगी से हार गई। अपने अंतिम समय तक वह बच्चों का इंतजार करती रहीं। मीडिया रिपोर्ट्‌स के मुताबिक, उनका एक बेटा है जो कोरियॉग्राफर है और बेटी एयर होस्टेस है। पिछले साल बच्चों द्वारा छोड़ दिए जाने पर वह काफी चर्चा में रही थीं। जिसके बाद अशोक पंडित और फिल्म मेकर रमेश तौरानी ने गीता के अस्पताल का बिल चुकाया। अचला सचदेव : ‘वो मेरी जोहरजाबी’ गाना आज भी बड़े-बुजुर्ग अपनी पत्नी से प्यार का इजहार करने के लिए गाते हैं। अभिनेता बलराज साहनी ने फिल्म में यह गाना जिस खूबसूरत चेहरे के लिए गया था, उस खूबसूरती की मलिका अचला सचदेव का अंत मुफलिसी में ही हुआ। उनके बेटे-बेटी ने भी उन्हें अकेला छोड़ दिया था। जिंदगी के आखिरी दिनों में उनके बेटे-बेटी अस्पताल में उनसे मिलने को नहीं आए। नलनी जयवंत : १९४० के दशक में नलनी की गिनती सिनेमा जगत के सबसे बड़े सितारों में होती थी, लेकिन जब उनकी मृत्यु हुई तो तीन दिनों तक किसी को खबर भी नहीं लगी। उन्हें ठेले पर श्मशान द्घाट ले जाया गया था। इस अभिनेत्री ने बीआर चोपड़ा की फिल्म ‘हमराज’ से प्रसिद्धी की सारी सीमाएं लांद्घी थी। राज किरन : राज किरन पर ही फिल्म ‘अर्थ’ का मशहूर गाना ‘तुम इतना जो मुस्करा रहे हो’ फिल्माया गया था। डिप्रेसन में जाने के बाद इस कलाकार को उसके परिवार ने त्याग दिया था। मीना कुमारी : पाकिजा फिल्म में गीता कपूर के साथ ही काम करने वाली मीना कुमारी की भी किस्मत गीता जैसी ही रही थी। ट्रेजड़ी क्वीन कहलाने वाली मीना कुमारी का पति कमल अमरोही से तलाक हो गया था। जिसके बाद उन्हें शराब की लत लग गई थी। उनके पास अपने इलाज के लिए भी पैसे नहीं बचे थे। वे सुपरहिट फिल्म ‘पाकिजा’ के रिलीज होने के कुछ हफ्तों बाद ही चल बसीं। आखिरी समय में उनके साथ कोई नहीं था।

परवीन बॉबी : ७० के दशक की सबसे ग्लैमरस अदाकारा परवीन बॉबी का २००५ में मानसिक बिमारी के कारण निधन हो गया। उनके निधन के तीन दिन बाद लोगों को पता चला। डॉक्टरों के अनुसार वे कई दिनों से भूखीं थीं क्योंकि उनके पेट में खाने की कोई टुकड़ा नहीं मौजूद था। भगवान दादा : फिल्म ‘अलबेला’ के सितारे भगवान दादा अपने डांस के लिए मशहूर थे। पर एक के बाद एक फ्लॉप फिल्मों ने उनकी किस्मत पलट दी। गरीबी ऐसी आई की उन्हें अपनी ७ कारें और २५ कमरों वाला जूहू का बंगला बेचने को मजबूर कर दिया। उस मुफलिसी के समय में बॉलीवुड के किसी सितारे ने उन्हें याद नहीं किया। हर किसी ने उन्हें भुला दिया। इनका निधन २००२ में एक छोटे से चॉल में हुआ। एके हंगल : फिल्म ‘शोले’ में रहीम चाचा के रुप में मशहूर हुए दिग्गज अभिनेता एके हंगल की मृत्य ९७ साल में मुंबई के एक अस्पताल में हुई। २०१२ में जब उनकी मृत्यु हई तो उनके पास अपने इलाज के लिए भी देने को पैसे नहीं थे। भारत भूषण : ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म ‘बैजू बावरा’ का यह सुपरस्टार कलर फिल्मों के आने के बाद कहीं खो गया। अपने अंतिम दिनों में गरीबी की मार झेल रहे भारत भूषण को अपनी कार और यहां तक की अपनी किताबें भी बेचनी पड़ी।

गीतांजलि नागपाल : ९० के दशक की इस टॉप मॉडल को दिल्ली की सड़कों पर भीख मांगते हुए पाया गया था। बाद में उन्हें एक अस्पताल के मानसिक चिकित्सालय में दाखिल करवाया गया। रमेश भाटिया : अमिताभ बच्चन, जया भादुड़ी और राजेश खन्ना जैसे कलाकारों को काम देने वाले एक फिल्म निर्माता की कहानी ऐसी ही फिल्मी है। ‘नई उमर की नई फसल’, ‘गुमनाम’ आदि जैसी फिल्मों में अभिनय और अमिताभ बच्चन- जया भादुड़ी को लेकर ‘बंसी बिरजू’ का निर्माण करने वाले फिल्म अभिनेता एवं निर्माता रमेश भाटिया का बुढ़ापा एक वृद्धाश्रम में कट रहा है। बताया जाता है कि जया और अमिताभ को एक साथ पहली बार राजेश भाटिया ने ही काम करवाया। शुरुआती दौर में जब अमिताभ बच्चन संद्घर्ष कर रहे थे तो रमेशजी ने ही उन्हें काम दिया। आज अमिताभ ७० साल में भी सुपर स्टार हैं और वे मेरठ के एक वृद्धाश्रम में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। लेकिन उन्हें इस बात का कोई शिकवा नहीं है कि अपनों ने भी उनका साथ छोड़ दिया। रमेश भाटिया कहते हैं, ‘वह पास्ट था और आज उनका यही वर्तमान है। मैं इसमें खुश हूं।’ उनके दो बेटे और एक बेटी है, जो मुंबई में रहते हैं। मगर वे मायानगी से सैकड़ों किमी दूर मेरठ में गुमनाम हैं। निर्माता राजेश भाटिया ने १९७८ में राजेश खन्ना को कास्ट करते हुए ‘आंचल’ फिल्म बनाई। इन्होंने धर्मेंद्र, मनोज कुमार, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, अमोल पालेकर और उस दौर में न जाने कितने ही कलाकारों के साथ काम किया।

करीना को सैफ की हिदायत


इन दिनों करीना कपूर अपनी फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ के प्रमोशन में बिजी हैं। प्रमोशन में करीना स्टाइलिश और बोल्ड आउटफिट्स में स्पॉट हो रही हैं। करीना का लुक फैन्स को काफी पसंद आ रहा है। लेकिन करीना का ये हॉट लुक और अंदाज पति एवं छोटे नवाब सैफ को पसंद नहीं आया। इतना ही नहीं, करीना की ड्रेस में देखकर सैफ ने उन्हें कपड़े तक बदलने की हिदायत दे दी थी। इसका खुलासा खुद करीना ने एक इंटरव्यू के दौरान किया था। करीना ‘वीरे दी वेडिंग’ के म्यूजिक लॉन्च इवेंट में पहुंची थीं। उस इवेंट में उन्होंने ब्लैक कलर की हॉट और ग्लैमरस ड्रेस पहनी थी। करीना ने इंटरव्यू में बताया कि जब वे म्यूजिक लॉन्च इवेंट के बाद द्घर पहुंची तो सैफ ने उन्हें देखकर कहा- ‘तुमने ये क्या पहन रखा है? जाओ कपड़े बदलकर आओ।’ करीना ने बताया कि जब उन्होंने सैफ को इवेंट की फोटो दिखाई तो उन्होंने कहा ये अच्छी ड्रेस है। फिल्म में करीना कपूर के अलावा सोनम कपूर, स्वरा भास्कर, शिखा तलसानिया लीड रोल में है।

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